जुबिली स्पेशल डेस्क
पटना। झारखंड में एक बार फिर हेमंत सोरेन सीएम बनने जा रहे हैं। पांच महीने जेल में रहने के बाद उनको जमानत मिल गई है जिसके बाद उनकी सीएम के तौर पर ताजपोशी होने जा रही है।
ऐसे में चंपई सोरेन ने झारखंड के नए सीएम के चलते अपनी कुर्सी छोडऩे पर मजबूर होना पड़ा और कल रात को उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं सात जुलाई को हेमंत सोरेन फिर से सीएम बनकर राज्य की बागडौर संभालने जा रहे हैं।
उधर पता चल रहा है कि चंपई सोरेन कुर्सी छोडऩे के मुड में नहीं थे और उन्होंने इसके पीछे कई दलील भी लेकिन उनकी दाल नहीं गली।
बताया जा रहा है कि उन्होंने इस दौरान बैठक में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि अगले कुछ महीनों में ही चुनाव होने वाला है, ऐसे में उनका कुर्सी से हटना जनता में गलत संदेश जा सकता है।
उन्होंने ये भी कहा कि हेमंत सोरेन अभी जमानत पर है और इस वजह से विरोधी एक बार फिर सरकार कोअस्थिर करने का प्रयास कर सकते हैं लेकिन इसके बावजूद पार्टी उनके साथ नहीं बल्कि हेमंत सोरेन के साथ खड़ी नजर आई।
इस दौरान चंपई ने हेमंत को अपना बेटा-बहू मानने की बात भी कही लेकिन जेएमएम और गठबंधन के सहयोगियों ने सत्ता हेमंत को सौंपने पर अड़ी रही।
पार्टी का कहना है कि हमने चुनाव हेमंत सोरेन के नेतृत्व में लड़ा है और पिछले चुनाव में सफलत मिली है और इस बार भी उनके नेतृत्व में लड़ा जाये तो बेहतर होगा।
जेएमएम का ये भी मानना था कि अगर चंपई सोरेन सीएम बने रहे तो इससे पार्टी में भ्रम की स्थिति पैदा होगी। वोट बैंक पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है। जेएमएम का ये भी मानना हैहेमंत सोरेन के लीड करने से सहयोगियों में अच्छा तालमेल देखने को मिलेगा।