Friday - 25 October 2024 - 6:25 PM

आस्ट्रेलिया में सड़क पर क्यों उतरी महिलाएं ?

जुबिली न्यूज डेस्क

कुछ दिनों विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट सामने आई थी जिसमें महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को लेकर बड़ा खुलासा हुआ था। विश्व स्वास्थ्य संगठन और उसके साझेदारों ने एक नए शोध में पाया कि विश्व में तीन में से एक महिला को अपने जीवनकाल में शारीरिक या यौन हिंसा का सामना करना पड़ा।

दुनिया में शायद ही कोई देश हो जहां यौन हिंसा और लैंंगिक भेदभाव न हो। भारत हो या पाकिस्तान, ब्रिटेन हो या आस्ट्रेलिया, कोई देश इससे अछूता नहीं है।

यौन हिंसा और लैंंगिक भेदभाव के खिलाफ महिलाएं लंबे समय से लामबंद है बावजूद इसके ऐसी घटनाओं पर विराम नहीं लग रहा।

ऐसा ही कुछ आस्ट्रेलिया में हुआ जहां हजारों महिलाओं ने यौन हिंसा और लैंगिक भेदभाव के खिलाफ प्रदर्शन किया। आस्ट्रेलिया के 40 से अधिक शहरों में महिलाओं ने मार्च 4 जस्टिस निकाला।

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मार्च 4 जस्टिस रैलियां आस्ट्रेलिया में हाल ही में हुए यौन उत्पीडऩ, लैंगिक भेदभाव और कुछ उच्चतम राजनीतिक कार्यालयों में कदाचार के आरोपों के बाद निकाली गईं। ऑस्ट्रेलिया के सभी प्रमुख शहरों में इकठ्ठा होकर महिलाओं ने लैंगिक समानता और यौन हिंसा के पीडि़तों को न्याय के लिए रैलियां निकालीं।

मार्च के आयोजकों को उम्मीद थी कि रैलियों में भारी संख्या में महिलाएं शामिल होंगी। मार्च का आयोजन राजधानी कैनबरा में भी किया गया, जहां महिलाओं ने संसद को दो याचिका देकर कार्रवाई की मांग की।

प्रदर्शनकारी महिलाओं का पीएम से मिलने से इनकार

वहीं प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन से मिलने के निमंत्रण को आयोजकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने नामंजूर कर दिया। आयोजकों में से एक जेनिन हेंड्री ने कहा, “हम उनके कार्यालय से 200 मीटर दूर हैं और हमारे लिए बंद दरवाजों के पीछे मिलना उचित नहीं है, खासकर जब हम यौन उत्पीडऩ के बारे में बात कर रहे हैं, जो कि बंद दरवाजों के पीछे होता है।”

वहीं मॉरिसन के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को निजी बैठक का एक प्रस्ताव दिया गया था। हालांकि उन्होंने आगे और टिप्पणी करने से इनकार कर दिया।

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हाल के दिनों में रिपोर्ट किए गए मामलों में बलात्कार के आरोप शामिल है-जिसमें अटॉर्नी-जनरल क्रिश्चियन पोर्टर पर आरोप लगाया गया है।

हालांकि उन्होंने आरोपों से इनकार किया है और कहा कि ऐसा हुआ ही नहीं है। मॉरिसन की सरकार में लोगों पर लगे आरोप संसदीय कार्यवाही पर अगले दो हफ्ते हावी होने की उम्मीद है।

मालूम हो फरवरी माह में पीएम मॉरिसन ने संसद भवन में महिला कर्मचारी के साथ बलात्कार के कथित आरोप पर माफी मांगी थी। महिला ने एक अनाम शख्स पर यह कथित आरोप लगाया है।

पीडि़ता महिला का आरोप था कि उसके साथ साल 2019 में रक्षा मंत्री लिंडे रेनॉल्ड्स के कार्यालय में बलात्कार हुआ था और इस अपराध को अंजाम मॉरिसन की लिबरल पार्टी के कार्यकर्ता ने दिया था। फिलहाल पोर्टर और रक्षा मंत्री दोनों ही छुट्टी पर हैं।

वहीं ब्रिटेन में भी सरकार द्वारा यौन हिंसा के मामलों से निपटने को लेकर सप्ताहांत में लोगों का गुस्सा भड़क उठा। तीन मार्च को 33 साल की सारा एवरर्ड नाम की एक महिला घर लौटते वक्त गायब हो गई और एक हफ्ते बाद उसका शव मिला. लोगों ने महिला को इंसाफ दिलाने के लिए प्रदर्शन किए।

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