न्यूज डेस्क
बीते दिनों वोडाफोन ने बयान दिया था कि भारत की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया का भविष्य खतरे में हैं। फिलहाल वोडाफोन ने अपने बयान से यूटर्न ले लिया है।
सरकार की नाराजगी के बाद दूरसंचार कंपनी वोडाफोन यूटर्न लेती दिख रही है। वोडाफोन ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निक रीड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इसमें वादा किया गया है कि वोडाफोन भारत में निवेश करती रहेगी।
गौरतलब है कि 12 नवंबर को वोडाफोन ने कहा था कि भारत सरकार जब तक टेलीकॉम ऑपरेटरों पर ज्यादा टैक्स और चार्ज थोपती रहेगी तब तक उसका भविष्य अनिश्चित रहेगा। दरअसल वोडाफोन का इशारा स्पेक्ट्रम यूसेज चार्ज और लाइसेंस फीस की ओर था।
वोडाफोन ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी निक रीड ने मीडिया पर उनके बयान को तोड़मरोड़ करके पेश करने का आरोप लगाया। इससे पहले दूरसंचार मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा था कि सरकार ने भारत में दूरसंचार क्षेत्र के बारे में दिये गये वोडाफोन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के बयान पर नाखुशी प्रकट की है और वह इस बयान से असहमत है।
13 नवंबर को खबर आई थी कि भारत की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन-आइडिया ढहने के कगार पर है। निक रीड का कहना था कि अगर सरकार ने ऑपरेटरों पर ऊंचे टैक्स और शुल्क की मार जारी रखी तो भारत में वोडाफोन का भविष्य खतरे में है।
गौरतलब है कि बीते महीने सुप्रीम कोर्ट ने वोडाफोन-आइडिया और एयरटेल को बड़ा झटका देते हुए उनसे केंद्र सरकार को 92 हजार करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा था। यह पैसा पुराने शुल्क के मद में दिया जाना था। इस मुद्दे को लेकर के दूरसंचार विभाग और दूरसंचार कंपनियों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इन दोनों कंपनियों के शेयर में भारी गिरावट आई थी।
सीईओ निक रीड ने कहा था कि अप्रैल-सितंबर छमा ही में वोडाफोन के भारतीय कारोबार का परिचालन घाटा बढ़कन 69.2 करोड़ यूरो पर पहुंच गया जो एक साल पहले की समान तिमाही में 13.3 करोड़ यूरो था। रीड के मुताबिक छह माह में उसे 1.9 अरब यूरो का घाटा हुआ है। यह घाटा सुप्रीम कोर्ट द्वारा उद्योग के खिलाफ दिए गए फैसले की वजह से भी हुआ है। इस फैसले के बाद कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट आई है।
मालूम हो कि वोडाफोन और आइडिया ने 2018 में संयुक्त उपक्रम की घोषणा की थी। फिलहाल वोडाफोन के पास 30 करोड़ ग्राहक हैं जो कुल बाजार का 30 फीसदी है।
सीईओ निक रीड ने कहा कि वोडाफोन-आइडिया को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। कंपनी ने सरकार से कहा है कि उसे पैसे के भुगतान के लिए समय देने में उदारता बरती जाए. उनका कहना था कि हालात ऐसे ही रहे तो वोडाफोन की भारत में और निवेश करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
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