जुबिली स्पेशल डेस्क
भारतीय क्रिकेट में कोचिंग देना आसान नहीं है। इससे पहले ग्रेग चैपल को लेकर खूब विवाद हो चुका है जबकि अनिल कुंबले का कप्तान विराट कोहली से मतभेद हो गया था। इसके बाद कुबंले ने अचानक से कोच के पद से किनारा कर लिया था।
कुबंले के बाद नये कोच की तलाश तेज हो गई थी और इसमें राहुल द्रविड़ का नाम भी सबसे आगे था। दरअसल पूर्व चेयरमैन विनोद राय ने राहुल द्रविड़ को लेकर एक बयान दिया है और कहा है कि पूर्व कप्तान को कोच बनने का ऑफर दिया गया था लेकिन राहुल द्रविड़ ने इस पद को लेने से साफ तौर पर मना कर दिया था।
द्रविड़ ने कहा था कि मैं अपने बच्चों पर ध्यान नहीं दे पा रहा हूं, मुझे लगता है कि मुझे घर पर भी रहना चाहिए और मेरे परिवार को समय देना चाहिए। राहुल द्रविड़ के मना करने से रवि शास्त्री को नई जिम्मेदारी मिल गई।
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विनोद राय ने यह बात एक खेल वेबसाइट से कही है। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही उचित अनुरोध था। द्रविड़ इंडिया-ए और अंडर-19 टीमों के साथ काम करना जारी रखना चाहते थे, क्योंकि वह उनके लिए शानदार परिणाम दे रहे थे।
कोच रवि शास्त्री इस समय भारतीय टीम के कोच है। उनकी कोचिंग में भारतीय टीम ने शानदार प्रदर्शन किया है। हालांकि विश्व कप के सेमीफाइनल में भारतीय टीम हार गर्ई थी। ऐसे में कहा जा रहा था कि रवि शास्त्री की कुर्सी जा सकती है लेकिन अब तक शास्त्री कोच बने हुए है।