न्यूज डेस्क
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री अजीत जोगी और उनके बेटे की फर्जी प्रमाणपत्र मामले में मुश्किलें बढऩे लगी है। पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री अजीज जोगी के कंवर आदिवासी होने के प्रमाण पत्र को उच्च स्तरीय ‘प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने खारिज कर दिया था और आज उनके बेटे अमित को पुलिस ने नागरिकता को लेकर गलत सूचना देने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
3 सितंबर को पुलिस अमित जोगी को बिलासपुर निवास से उन्हें हिरासत में ले लिया। पुलिस अमित जोगी को गैरोला लेकर जाएगी, जहां अदालत के सामने उनकी पेशी होगी।
एक दिन पहले दो सितंबर को बिलासपुर जिला पंचायत उपाध्यक्ष समीरा पैकरा मरवाही के आदिवासियों ने अमित जोगी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर एसपी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया था।
यह भी पढ़ें : पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी नहीं हैं आदिवासी
मालूम हो कि तीन फरवरी को मरवाही विधानसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी रहीं समीरा पैकर ने मरवाही के पूर्व विधायक अमित जोगी के खिलाफ गौरेला थाने में धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
समीरा पैकर ने शिकायत में दर्ज कराया कि चुनाव के दौरान दिए अमित जोगी ने अपने शपथ पत्र में अपना जन्म वर्ष 1978 में गांव सारबहरा गौरेला में होना बताया है, जबकि जोगी का जन्म वर्ष 1977 में डगलास नामक स्थान टेक्सास, अमेरिका में हुआ था।
दर्ज की गई रिपोर्ट के अनुसार ने अमित जोगी ने अपने शपथपत्र में अपना जन्मस्थान गलत बताया था, जिस पर थाने में जोगी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया था। चुनाव में हारने के बाद समीरा ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर करके अमित
जोगी की जाति और जन्म तिथि को चुनौती दी थी।
वहीं, अमित जोगी की गिरफ्तारी पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि अगर गलत काम करेंगे तो उनकी गिरफ्तारी तो होगी ही। देश में कानून सबसे लिए एक समान है। अगर उन्होंने गलती की है तो उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांग लेनी चाहिए ना कि अपने आप को कानून के आड़े लाना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा नेता समीरा पैकरा की शिकायत पर पुलिस ने जोगी को गिरफ्तार किया है।
यह भी पढ़ें : सोनभद्र नरसंहार के पीड़ितों को आर्थिक मदद देगी सपा
यह भी पढ़ें : ‘हम भारत के साथ कभी भी युद्ध शुरू नहीं करेंगे’
यह भी पढ़ें : अरसे बाद मुलायम करेंगे प्रेस वार्ता, आजम और शिवपाल पर दे सकते हैं बड़ा बयान