जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। बीते कुछ महीनों से महाराष्ट्र में सियासी घमसान देखने को मिल रहा है। शिवसेना में दो फाड हो गए है। इतना ही नहीं ठाकरे की सरकार चली गई और एकनाथ ने बगावत करते हुए बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार का गठन कर डाला है लेकिन अब ये मामला कोर्ट में चल रहा है।
दरअसल पूरा मामला ये है कि शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) बनाम शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) मामले में सुनवाई करते हुए सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने फ्लोर टेस्ट कराने के राज्यपाल के फैसले पर सवाल उठाते हुए कुछ अहम बातें कही थी। इसके बाद से वो निशाने पर आ गए थे। इसके बाद ऑनलाइन ट्रोल्स ने सीजेआई और न्यायपालिका पर निशाना साधना शुरू कर दिया है।
इतना ही नही सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ पर हमला बोला जा रहा है। ऐसे में विपक्षी नेताओं ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है।
13 नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की ऑनलाइन ट्रोलिंग के खिलाफ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखा है। पत्र में नेताओं ने तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया है। विपक्षी नेताओं ने सीजेआई की ऑनलाइन ट्रोलिंग को न्याय के रास्ते में हस्तक्षेप बताया है।
लेटर में क्या लिखा है?
राष्ट्रपति को भेजे पत्र में विपक्षी नेताओं ने लिखा है, “हम सभी जानते हैं कि भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ महाराष्ट्र में सरकार गठन और राज्यपाल की भूमिका के मामले में सुनवाई कर रही है। यह एक महत्वपूर्ण संवैधानिक मुद्दा है।
हम सभी जानते हैं कि भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली संवैधानिक पीठ महाराष्ट्र में सरकार गठन और राज्यपाल की भूमिका के मामले में सुनवाई कर रही है।
जबकि मामला अभी सब-जुडिस है, लेकिन महाराष्ट्र सरकार की समर्थक ट्रोल आर्मी ने भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ एक अभियान छेड़ दिया है। सीजेआई के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है। यह निंदनीय है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाखों लोगों ने इसे देखा है।” विपक्षी नेताओं ने यह पत्र 16 मार्च को लिखा था।