जुबिली न्यूज डेस्क
दो अक्टूबर को राष्टï्रपिता महात्मा गांधी की जन्मतिथि थी। उनकी जयंती के मौके पर देश-विदेश समेत आम लोगों ने उनको याद किया, नमन किया, लेकिन उस दिन सोशल मीडिया पर उनके कातिल नाथूराम गोडसे के समर्थन में भी ट्वीट किया गया।
सोशल मीडिया पर ही गांधीजी को लेकर बीजेपी के एक सांसद के ट्वीट ने हलचल मचा दी। बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने गांधी जी की हत्या की नए सिरे से जांच की मांग की है। स्वामी पहले भी गांधीजी की हत्या से जुड़े दावों पर सवाल उठा चुके हैं।
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अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले स्वामी इसके पहले भी इशारों में कह चुके हैं कि हो सकता है कि यह कभी स्थापित ही न हो कि राष्ट्रपिता को नाथूराम गोडसे ने ही गोली मारी थी।
स्वामी ने इस संबंध में ट्विटर पर एक पुराना न्यूज लिंक शेयर करते हुए पूछा कि आखिर क्यों गांधीजी के शव की अटॉप्सी नहीं की गई थी।
स्वामी ने इसके पहले इसी साल फरवरी में एक ट्वीट में कहा था- “गांधीजी के पार्थिव शरीर का कोई पोस्टमार्टम या ऑटोप्सी क्यों नहीं की गई? क्यों आभा और मनु, जो कि घटना की प्रत्यक्षदर्शी थीं, उनसे सवाल नहीं किए गए? गोडसे के रिवॉल्वर में कितने चैंबर खाली मिले थे? इटैलियन रिवॉल्वर खोजा भी नहीं जा सका, क्यों? हमें इस केस को दोबारा खोलने की जरूरत है।”
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सुप्रीम कोर्ट भी महात्मा गांधी की हत्या की दोबारा जांच की मांग वाली एक याचिका को पहले ही खारिज कर चुकी है। यह याचिका अक्टूबर 2017 में एक आईटी प्रोफेशनल डॉक्टर पंकज कुमुदचंद्र फडनिस ने लगाई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने 2019 में इस याचिका को रद्द कर दिया था। इसमें कहा गया था कि इस बात पर अभी भी अस्पष्टता है कि गांधीजी पर चली चौथी गोली नाथूराम गोडसे ने ही चलाई थी, इसलिए इस मामले की फिर से जांच होनी चाहिए।
इस याचिका में कहा गया था कि गोडसे और नारायण दत्तात्रेय आप्टे को सुप्रीम कोर्ट के गठन (26 जनवरी 1950) से 71 दिन पहले ही फांसी दी गई थी। इसका मतलब था कि साजिशकर्ता या उनके परिवार को पूर्वी पंजाब की अदालत के फैसले को चुनौती देने का मौका ही नहीं मिला। इसी आधार पर याचिकाकर्ता ने दावा किया था कि गांधीजी की हत्या का ट्रायल कानूनी तौर पर अंतिम रूप नहीं ले सका।