Tuesday - 29 October 2024 - 1:04 PM

तेजस्वी यादव ने क्यों फाड़ा ये लेटर

जुबिली स्पेशल डेस्क

कोरोना काल में प्रवासी मजदूरों की परेशानी कम होने का नाम नहीं ले रही है। दूसरी ओर उनके दर्द को लेकर देश में राजनीति भी खूब देखने को मिल रही है। प्रवासी मजदूरों को लेकर यूपी से लेकर बिहार तक सियासी पारा चढ़ता नजर आ रहा है। यूपी में कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर योगी सरकार को घेरा है तो दूसरी ओर बिहार में इस मामले में प्रमुख विपक्षी पार्टी आरजेडी भी नीतीश सरकार पर हमला बोल रही है। ताजा मामला है बिहार पुलिस के एडीजी का एक पत्र। दरअसल बिहार पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमित कुमार ने प्रवासी मजदूरों को लेकर एक बेहद चौंकाने वाली बात कही है और कहा है कि प्रवासी मजदूरों के वापस आने से बिहार में अपराध बढ़ सकते हैं।

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उन्होंने इसके लिए एक पत्र सूबे के सभी जिलों के पुलिस कप्तान को लिखा है, जिसमें उन्होंने आशंका जताई है कि प्रवासी मजदूरों के वापस आने से बिहार में अपराध बढ़ सकते हैं। इस पूरे मामले पर बिहार की राजनीति में एकाएक भूचाल आ गया है। अभी तक लगातार नीतीश सरकार को घेरने वाली आरजेडी अब इस पत्र को लेकर सरकार पर तीखा हमला बोला है।

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तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए बिहार पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमित कुमार की पत्र को फाड़ डाला है उन्होंने प्रेस वार्ता के दौरान पुलिस मुख्यालय का मजदूरों को अपराधी बताने वाला लेटर फाड़ा है। उन्होंने कहा कि नीतीश सरकार प्रवासी मजदूरों को अपमानित कर रही है।

मुख्यमंत्री के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय ने प्रवासी मजदूरों के अपराधी बनने की आशंका से संबंधित पत्र जारी किया है। नीतीश कुमार, श्रमिक भइयों को चोर लुटेरा और क्रिमिनल समझते हैं। नीतीश कुमार को प्रवासी शब्द से आपत्ति है लेकिन ये सरकार प्रवासियों को दोयम दर्जे का नागरिक समझती है।

मुख्यमंत्री के सभी अधिकृत सोशल साइट पर प्रवासी शब्द का ही इस्तेमाल किया गया है। तेजस्वी ने कहा कि पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी पत्र, अमाननीय है। श्रमिक हमारे भाई है। सरकार, इन श्रमिकों की विरोधी है। सरकार ने इनको रोजगर देने के लिए अब तक कुछ नही किया है. उन्होंने नीतीश कुमार से माफी मांगने की मांग की।

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एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) अमित कुमार ने क्या लिखा है

पुलिस मुख्यालय ने पत्र में लिखा था कि प्रवासी मजदूरों को बिहार में रोजगार मिलने की संभावना कम है। ऐसे में अपने परिवार के भरण-पोषण के उद्देश्य से यह प्रवासी मजदूर, अनैतिक कार्य करेंगे और अपराधिक घटनाओं को अंजाम दे सकते हैं। आगे इसमें लिखा है कि प्रवासी मजदूरों के कारण बिहार में अपराध की वृद्धि हो सकती है।

लिहाजा, इस मामले में सतर्कता बरतने की जरूरत है। बता दें कि प्रवासी मजदूरों को लेकर देश की सियासत में घमासान मचा हुआ है। आलम तो यह है कि मदद देने के नाम पर उनके साथ खेल किया जा रहा है। प्रवासी मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलायी जा रही है लेकिन वो भी एक मजाक बनकर रह गई।

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