न्यूज डेस्क
नागरिकता संसोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर पूरे देश में विरोध-प्रदर्शन जारी है। इस कानून के खिलाफ सबसे ज्यादा छात्र मुखर हैं। छात्रों के विरोध का एक मामला पश्चिम बंगाल में भी सामने आया है, जहां छात्रों ने बीजेपी सांसद को पांच घंटे तक बंधक बनाए रखा।
बीजेपी सांसद स्वप्न दासगुप्ता आठ जनवरी को विश्व भारती विश्वविद्यालय में नागरिकता संसोधन काननू पर व्याख्यान देने गए थे। वहां छात्रों ने सांसद और कुलपति विद्युत चक्रवर्ती सहित कई लोग एक भवन के भीतर पांच घंटे तक बंद रहे। अधिकारियों के मुताबिक जिस भवन में ये लोग बंद थे उसके बाहर वामपंथ की ओर झुकाव रखने वाले सैंकड़ों छात्र धरने पर बैठे हुए थे। छात्रों ने इन लोगों ने पांच घंटे तक बैठाए रखा।
वहीं इस मामले में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इस पर चिंता जतायी है। इन लोगों ने सरकार से सांसद दासगुप्ता की सुरक्षा का प्रबंध करने की मांग की है। विजयवर्गीय ने राज्य की ममता सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दासगुप्ता को कुछ हुआ तो उसके गंभीर परिणाम होंगे।
सांसद स्वप्न दासगुप्ता ने इस मामले में ट्वीट करते हुए लिखा, “विश्वविद्यालय द्वारा नागरिकता संसोधन कानून पर आयोजित मेरे आधिकारिक व्याख्यान में शिरकत करने के जुर्म में विश्व भारती, शांतिनिकेतन के एक कमरे के अंदर लगभग 70 लोगों को बंद कर दिया गया है। इनमें कुलपति भी शामिल हैं। बाहर टकराव के लिये बेताब भीड़ है।”
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव विजयवर्गीय ने इस मामले में अपने वीडियो संदेश में कहा, “स्वप्न दासगुप्ता का एसएफआई और तृणमूल कांग्रेस के गुंडों ने घेराव किया। वह अंदर हैं। पुलिस कहीं नजर नहीं आ रही। स्वपन दासगुप्ता का जीवन और सम्मान बहुत महत्वपूर्ण है। मैं (मुख्यमंत्री) ममता बनर्जी और राज्य प्रशासन से उनकी सुरक्षा का प्रबंध करने का आग्रह करता हूं। अन्यथा इसके परिणाम गंभीर होंगे।”
वहीं राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि यह घटना राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को दर्शाती है।
राज्यपाल ने कहा, “राज्यसभा सदस्य डॉ स्वप्न दासगुप्ता, विश्व भारती के कुलपति और कई अन्य लोगों को कई घंटों तक बंद रखने की गंभीर स्थिति को लेकर पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र कुमार से बात की और उनसे तुरंत आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया। कानून-व्यवस्था की ऐसी अराजकता और विफलता चिंताजनक है।”
गौरतलब है कि राज्यसभा सदस्य दासगुप्ता को विश्वविद्यालय के शांतिनिकेतन के लिपिका सभागार में व्याख्यान श्रृंखला के तहत “सीएए 2019: समझ और व्याख्या” पर बोलना था।
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