जुबिली स्पेशल डेस्क
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू इन दिनों काफी सुर्खियों में है। कभी अपनी सरकार से नाराज हो जाते हैं तो कभी विरोधियों पर हमलावार हो जाते हैं।
हाल में उन्होंने कैप्टन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था और इसका नतीजा यह रहा कि कैप्टन को अपनी कुर्सी छोडऩी पड़ी और कैप्टन ने पार्टी से भी किनारा कर लिया। इसके बाद नवजोत सिंह सिद्धू ने कई मौकों पर नये सीएम पर भी हमलावर रहे हैं।
हालांंकि अब उनका एक ट्वीट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस ट्वीट के माध्यम से शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल की कड़ी आलोचना करते हुए उनके आरोपों पर पलटवार किया है।
सिद्धू ने अपने ट्वीट में कहा है कि मैं राजनीति छोड़ दूंगा अगर सुखबीर सिंह बादल यह साबित कर दें कि मैंने कभी पंजाब के उन नए डीजीपी के साथ बंद कमरे में कोई बैठक की है, जिन्होंने 2015 में निर्दोष सिख लडक़ों को अवैध रूप से हिरासत में लिया, बादल को क्लीन चिट दी और जो नई सरकार बनने के बाद से पूर्व डीजीपी सैनी के दुलारे बने हुए हैं।
क्या कहा था बादल ने
दरअसल, शिअद प्रमुख बादल ने अपने आरोपों में कहा, कि सीएम चन्नी ने सिद्धू और उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा से मिलने के बाद राज्य के डीजीपी को अकाली दल के सीनियर नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करने का आदेश दिया है, ताकि उनकी सरकार की विफलताओं से ध्यान हटाया जा सके और अकालियों के खिलाफ राजनीतिक बदला लिया जा सके। मैं सीएम चन्नी को चुनौती देता हूं कि वह इस मामले में हाई कोर्ट के मौजूदा जज के तहत जांच का आदेश दें।
इसके बाद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने इस पर कड़ा रूख अपनाया है और अपने अंदाज में सुखबीर सिंह बादल को जवाब देते हुए कहा है कि कि सुखबीर बादल एक सुबूत दे दें कि उन्होंने उस डीजीपी के साथ बंद कमरा मीटिंग की है जिसने 2015 में दो निर्दोष सिख युवाओं को हिरासत में लिया था और बादलों को क्लीन चिट दी थी। उन्होंने कहा कि यदि सुखबीर ऐसा कर देते हैं तो वह राजनीति से संन्यास ले लेंगे।