जुबिली स्पेशल डेस्क
अफगानिस्तान क्रिकेट के स्टार खिलाड़ी राशिद खान और मोहम्मद नबी, इन दिनों तालिबान सरकार से काफी खफा है। दरअसल उन्होंने तालिबान सरकार के एक फरमान के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है।
दरअसल तालिबान के मंत्री हिबतुल्लाह अखुंदजदा ने 2 दिसंबर को एक फरमान जारी कर अफगानिस्तान में महिलाओं की मेडिकल ट्रेनिंग पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया है।
दोनों ही खिलाडिय़ों ने इसे गलत करार दिया है और तालिबान सरकार से इस पर फिर से विचार करने को कहा है। राशिद खान ने कहा कि इस्लाम में शिक्षा मजबूत स्तंभ है। वो मेन पिलर है और सबका अधिकार भी। उससे ना तो पुरुषों को वंचित रखा जा सकता है और ना ही महिलाओं को।
वहीं राशिद खान की तरह मोहम्मद नबी ने इस फरमान के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की है और कहा है कि लड़कियों या महिलाओं को शिक्षा प्राप्त करने से रोका नहीं जा सकता। इस्लाम में भी शिक्षा को महत्व दिया गया है। ऐसे में तालिबानी सरकार का फैसला दुखद है।
दोनों ही क्रिकेटरों ने तालिबान सरकार से अपने फैसले बदलने की मांग की है। दोनों की माने तो अगर लड़कियों और महिलाओं को भी शिक्षा मिलती है तो इसमें बुरा क्या है? ये तो अच्छी बात है कि शिक्षा प्राप्त कर वो भी देश के विकास में अपना योगदान दे सकेंगी। अब देखना होगा कि दोनों की मांग पर तालिबान सरकार क्या जवाब देती है।