जुबिली न्यूज डेस्क
बिहार में चुनावी फेरबदल के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा हुआ है। चुनाव के बाद से ही प्रसांत किशोर चर्चा में बने हुए है। हाल ही में पटना में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मुलाकात की है। दोनों के बीच करीब दो घंटे लंबी बातचीत हुई है। इस सियासी घटनाक्रम के बाद राजनीति में दिलचस्पी रखने वाले लोगों को पीके के बयान का इंतजार है। हालांकि, उन्होंने बयान तो अभी तक नहीं दिया है, लेकिन एक ट्वीट जरूर किया है। उनकी इस ट्वीट में उनके फैसले के संकेत भी मिल रहे हैं।
प्रशांत किशोर ने लिखा है, “तेरी सहायता से जय तो मैं अनायास पा जाऊंगा, आनेवाली मानवता को, लेकिन, क्या मुख दिखलाऊंगा?” उनके इस ट्वीट में उन अटकलों पर विराम लगता दिख रहा है, जिसमें पीके के दोबारा नीतीश कुमार के साथ जाने की बात कही जा रही है।
2015 में नीतीश-लालू को साथ लाए थे
प्रशांत किशोर ने 2015 के विधानसभा चुनावों में लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल और नीतीश कुमार की जनता दल के बीच गठबंधन कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। बाद में नीतीश कुमार ने पीके को अपनी पार्टी में शामिल कराया। उन्हें जेडीयू का उपाध्यक्ष बनाया गया।
पीके ने ममता के साथ भी किया काम
इसके बाद प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीतिकार के रूप में अपना काम फिर से शुरू किया। उन्होंने पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ किया, जो कि 2021 में शानदार बहुमत के साथ सत्ता में वापस आने में सफल हुई। बंगाल के नतीजे के बाद पीके ने ऐलान किया कि अब वह दोबारा चुनावी रणनीतिकार के रूप में काम नहीं करेंगे। इस ऐलान के एक साल बाद उन्होंने बिहार में ‘जन सूरज’ नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया। इस अभियान के बाद में एक राजनीतिक दौल के रूप में परिवर्तिन होने की संभावना है।
प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार से की मुलाकात
नीतीश कुमार के दोबोरा महागठबंधन में शामिल होने के बाद प्रशांत किशोर और बिहार के मुख्यमंत्री नीती कुमार के बीच वाकयुद्ध चल रहा है। लेकिन नीतीश कुमार के साथ उनकी हाल की मुलाकात की खबरें ने दोबारा जेडीयू में वापसी की अटकलों को जन्म दे दिया। बैठक के महत्व के बारे में पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने पटना में मीडिया से कहा, “यह एक सामान्य बैठक थी। इसमें बहुत कुछ नहीं था। पवन वर्मा उन्हें लेकर आए थे।
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