जुबिली न्यूज डेस्क
पिछले कुछ दिनों से चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के कांग्रेस में शामिल होने की चर्चा है। इन अटकलों के बीच प्रशांत किशोर ने
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रमुख सलाहकार के पद से इस्तीफा दे दिया है।
पीके ने ऐसे समय में अपना इस्तीफा दिया है जब पंजाब में विधानसभा चुनाव होने में कुछ महीने ही बचा है। प्रशांत किशोर इसी साल एक मार्च को अमरिंदर सिंह के प्रिंसिपल एडवाइजर बने थे और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला था।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के प्रमुख सलाहकार के पद से प्रशांत किशोर ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि उन्होंने सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका से अस्थायी ब्रेक लेने का फैसला किया है।
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मालूम हो कि ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं। इसको लेकर पीके ने राहुल गांधी के साथ कई बैठकें भी की हैं।
सीएम कैप्टन को को संबोधित अपने पत्र में पीके ने लिखा, ‘जैसा कि आप जानते हैं सार्वजनिक जीवन में सक्रिय भूमिका से अस्थायी अवकाश लेने के मेरे निर्णय के मद्देनजर, मैं आपके प्रधान सलाहकार के रूप में जिम्मेदारियों को संभालने में सक्षम नहीं हूं। चूंकि मुझे अभी अपने भविष्य के कार्य के बारे में निर्णय लेना है, इसलिए मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मुझे इस जिम्मेदारी से मुक्त करने की कृपा करें। इस पद के लिए मुझे चुनने और अवसर देने के लिए मैं आपको धन्यवाद देता हूं।’
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चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने साल 2017 में पंजाब विधानसभा के दौरान कांग्रेस के चुनाव अभियान की कमान संभाली थी। हाल ही में उनकी कंपनी, इंडियन पालिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) ने पश्चिम बंगाल चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल जीत दिलवाने में मदद की है। पीके ने साल 2014 के आम चुनाव में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के लिए अभियान की कमान संभाली थी।