जुबली न्यूज़ डेस्क
बिहार में कोरोना वायरस के बढ़ते मामले और कम जांच पर जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मधेपुरा के पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि, “बिहार देश भर में सबसे कम जांच कराने वाला राज्य है। कोरोना के मरीजों की संख्या 1,500 के पार पहुंच गई है। अभी जरूरत है कि ज्यादा से ज्यादा जांच कराए जाए ताकि संभावित कोरोना मरीजों को बचाया जा सकें। अपनी नाकामियों की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा कि, “इस महामारी के समय में स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार का ट्रांसफर ठीक नहीं है। वो हर रोज बिहार में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या ट्विटर पर साझा कर रहे थे। महामारी से युद्ध के बीच सेनापति को हटाने का मतलब है कि सरकार यह लड़ाई हार चुकी है।”
प्रवासी मजदूरों के बारे में उन्होंने कहा कि, “मुंबई, सूरत, गाज़ियाबाद, त्रिवेन्द्रम, पंजाब, तमिलनाडु में हर रोज प्रवासी मजदूर घर जाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन उनकी सुध न केंद्र सरकार ले रही है और न राज्य सरकार। उन पर लाठीचार्ज किया जा रहा हैं और आंसू गैस के गोले छोड़े जा रहे हैं। लाखों मजदूर चिलचिलाती धूप में भूखे-प्यासे पैदल जाने को मजबूर हैं। दरभंगा की एक बच्ची पैर से लाचार अपने पिता को साइकिल पर बिठाकर राजस्थान से ले आई। ऐसे हजारों उदाहरण हमारे सामने हैं।”
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा कांग्रेस के भेजे गए बसों को अनुमति न देने पर जाप अध्यक्ष ने इसकी कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि, “महामारी काल में भी भाजपा राजनीति कर रही है। योगी आदित्यनाथ को मजदूरों की कोई चिंता नहीं है। उनके हट के कारण आज सभी बसें उत्तर प्रदेश-राजस्थान बार्डर से वापस लौट गई।”
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