जुबिली न्यूज डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के फैसले को वैध करार देते हुए इसे बरकरार रखा है. अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ताओं के एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और दलील दी थी कि राष्ट्रपति शासन के दौरान केंद्र सरकार राज्य विधानसभा की तरफ से इतना अहम फैसला नहीं ले सकती है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच जजों की पीठ ने सर्वसम्मति से अनुच्छेद-370 को रद्द करने की संवैधानिकता के पक्ष में फैसला सुनाया.
इस फैसले पर एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि आर्टिकल 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले से वो ‘संतुष्ट नहीं’ हैं. उन्होंने दावा किया है कि अब भारतीय जनता पार्टी को ‘चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने से कोई नहीं रोक सकता है.’ओवैसी ने कहा है, “आज जो फ़ैसला आया हम उससे मुतमईन नहीं हैं.”
कल बीजेपी को कोई नहीं रोक सकेगा
उन्होंने कहा, “मेरी नज़र में 370 को जो हटाया गया है, ये संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन है. बंटवारा और राज्य का दर्जा हटाना, ये बहुत बड़ा धोखा हुआ है, जो हमने कश्मीर की आवाम से वादा किया था.”ओवैसी ने कहा, “मैं पहले भी कह चुका हूं और आज भी कह रहा हूं कि अब ये कोर्ट से वैध ठहराया जा चुका है, कल बीजेपी को कोई नहीं रोक सकेगा चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई को यूटी (केंद्र शासित प्रदेश) बनाने से.”
आवैसी ने कहा कि फेडरलिज्म भारत के लोकतंत्र का अहम हिस्सा है. अब विधानसभा के लिए संसद कैसे काम कर सकती है? उन्होंने कहा, ‘जो रेजोल्यूशन जम्मू-कश्मीर असेंबली को पारित करना था उसे संसद कैसे पारित कर सकती है. मेरी नजर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करना संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन है. राज्य का दो हिस्सों में बंटवारा हुआ, उसे पूर्ण राज्य से केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया, यह तो बहुत बड़ा धोखा है.
ये भी पढ़ें-कांग्रेस की हार के बाद दिग्विजय सिंह ने ईवीएम पर उठाया सवाल, बीजेपी ने कहा..
अब सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले की वैधता पर मुहर लगा दी है. तो कल भाजपा को कोई नहीं रोक सकेगा चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और मुंबई को यूटी बनाने के लिए. और भविष्य में इसका सबसे बड़ा नुकसान जम्मू-कश्मीर के डोगरा को और लद्दाख में बौद्ध धर्म के अनुयायियों को होगा’.