जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। अमरावती से सांसद नवनीत राणा इन दिनों काफी सुर्खियों में है। हनुमान चालीसा को लेकर मचे घमासान में सबसे ज्यादा अगर कोई सुर्खियों में है तो वो अमरावती से सांसद नवनीत राणा।
सोशल मीडिया पर अक्सर अपने बयानों की वजह से विवादों में रहने वाली निर्दलीय सांसद नवनीत राणा मुश्किलें बढ़ती जा रही है। दरअसल उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पाठ करने की बात उनको काफी महंगी पड़ी है।
इसका नतीजा यह रहा कि शनिवार को ही दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। बताया जा रहा है कि पुलिस ने सांसद नवनीत और रवि राणा को धारा 153 ए यानी धर्म के आधार पर 2 समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के मामले में गिरफ्तार किया है।
इसके बाद कोर्ट में भी पेश किया गया लेकिन उनको वहां से कोई राहत नहीं मिली और अब बेल पर सुनवाई 29 अप्रैल को तय की गई है। इस वजह से उनको अब जेल में अभी और वक्त गुजरना पड़ेगा।
उधर अब इस पूरे मामलेे में अमरावती से सांसद नवनीत राणा ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को पत्र लिखा है और अपनी बात रखने की कोशिश की है। इस पत्र में उन्होंने कई बड़े आरोप मौजूदा सरकार और पुलिस पर लगाया है।
उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि मुझे 23 अप्रैल 2022 को खार पुलिस स्टेशन ले जाया गया। पूरी रात मैंने पुलिस स्टेशन में बिताई। मैं पूरी रात पीने के लिए पानी मांगा लेकिन मुझे पानी तक नहीं दिया गया। इतना ही नहीं आगे उन्होंने पुलिस वालों के रवैया पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुझे हैरानी तब हुई, जब पुलिस स्टाफ ने कहा कि मैं अनुसूचित जाति से हूं लिहाजा वह उस ग्लास में मुझे पानी नहीं देंगे। उन्होंने आगे कहा कि मुझे सीधे तौर पर जाति के आधार पर गाली तक दी गई। इसी के चलते पानी नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा, मुझे पानी पीने जैसे बुनियादी मानवाधिकार से भी इस चीज को लेकर वंचित किया गया कि मैं अनुसूचित जाति से हैं। हालांकि इस पत्र में उन्होंने फिर दोहराया है कि मैंने मुख्यमंत्री को हनुमान चालीसा के जाप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। मैं दोहराती हूं कि मेरी गतिविधि मुख्यमंत्री के खिलाफ नहीं थी।