जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधान सभा चुनाव होना है। ऐसे में यहां पर सियासी सरगर्मी लगातार तेज हो रही है। विधान सभा चुनाव से पहले यहां पर जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। बीजेपी से लेकर सपा विधान सभा चुनाव से पहले इसे सेमीफाइनल के तौर पर देख रही है।
इसके साथ जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर शनिवार को नामांकन होने के बाद अब 57 जिलों में 3 जुलाई को वोट डाले जाएंगे। क्योंकि, नामांकन के बाद 18 जिलों में उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचन तय है। जिनमें, 17 बीजेपी के और एक सपा का उम्मीदवार है। अब जिन 57 जिलों में वोटिंग होनी है उनमें 41 जिलों में बीजेपी और समाजवादी पार्टी की सीधी टक्कर है।
उधर बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ेगी।
उत्तर प्रदेश में में शनिवार को जिला पंचायत अध्यक्षों का चुनाव होने वाला है लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने जिला पंचायत अध्यक्ष नहीं लडऩे के बजाये अपना पूरा ध्यान 2022 के आगामी विधानसभा चुनाव पर है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को कहा है कि पंचयात चुनाव के बजाय 2022 के आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटे।
We have decided not to contest Zilla panchayat elections in UP. I want to clarify if the elections would have been impartial, then we would have contested: Former UP CM & Bahujan Samaj Party (BSP) chief Mayawati pic.twitter.com/nToDQ0B9Sj
— ANI UP (@ANINewsUP) June 28, 2021
समाचार एजेंसी ANI से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर हम 2022 का विधान सभा चुनाव जीत जाते हैं तो अधिकांश जिला पंचायत अध्यक्ष खुद-ब खुद हमारी पार्टी में शामिल हो जाएंगे…
मायावती ने कहा कि विपक्षी दल मीडिया के सहारे यह अफवाह फैला रहे हैं कि बीएसपी 2022 के विधान सभा चुनावों के प्रति ऐक्टिव नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं 2021 से लगातार लखनऊ में कैम्प कर रही हूं। मीडिया इसे नजरअंदाज नहीं कर सकती. हमलोग लगातार 2022 के चुनावों की तैयारी में जुटे हुए हैं।
बता दें कि उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड में होने वाले विधान सभा चुनाव को लेकर मायावती ने बड़ा ऐलान किया था और कहा था कि उनकी पार्टी किसी भी दल के साथ गठबंधन नहीं करेगी।
दरअसल कल से मीडिया में खबर आ रही थी कि मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का गठबंधन होने की संभावना है लेकिन अब मायावती ने इसे नकार दिया है।