Wednesday - 30 October 2024 - 11:04 AM

धनखड़ के मजाक पर ममता बनर्जी ने क्‍यों ले लिया राहुल का नाम?

जुबिली न्यूज डेस्क

नई दिल्‍ली: राज्‍यसभा के सभापित जगदीप धनखड़ का मजाक उड़ाने पर राजनीति गरमा गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की प्रतिक्रिया के बाद इस मुद्दे ने तूल पकड़ लिया है। दोनों ने इसकी तीखी निंदा की है। संसद परिसर में तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद कल्‍याण बनर्जी ने मंगलवार को धनखड़ के बोलने की शैली की नकल उतारी थी। कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी उनका वीडियो बना रहे थे।

इस पर जब पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की प्रतिक्रिया ली गई तो जवाब अजब ही था। धनखड़ के मजाक के वीडियो पर पूछ गए सवाल पर वह कल्‍याण बनर्जी के बजाय राहुल गांधी को खींच लाईं। उन्‍होंने कहा कि अगर राहुल गांधी वीडियो न बना रहे होते तो शायद मीडिया को इसका पता भी नहीं लगता।

ममता बनर्जी से सवाल विशुद्ध रूप से कल्‍याण बनर्जी पर था। लेकिन, बंगाल की सीएम ने जवाब में राहुल का जिक्र लाकर इसे अलग ही मोड़ दिया। उनसे पूछा गया था कि क्‍या उपराष्‍ट्रपति की मिमिक्री करने को वह उचित समझती हैं? जवाब में ममता ने कहा कि क्यों मीडियाकर्मी इस तरह की बात करते हैं। उनकी पार्टी सभी का सम्‍मान करती है। वह किसी के भी असम्‍मान नहीं करती है। राहुल गांधी वीडियो न बना रहे होते तो किसी को पता भी नहीं चलता।

ममता के अचानक राहुल गांधी का जिक्र करने के मायने निकाले जाने लगे हैं। यह अब छुपा नहीं है कि बंगाल की सीएम राहुल गांधी को पसंद नहीं करती हैं। बंगाल में बीजेपी को पटखनी देने के बाद से दीदी राहुल पर हमलावर रहीं हैं। वह राहुल की नेतृत्‍व क्षमता पर भी सवाल उठा चुकी हैं। आक्रामक होते हुए भी ममता बनर्जी सियासत की माहिर हैं। मंगलवार को I.N.D.I.A गठबंधन की नई दिल्‍ली में हुई बैठक में भी ममता ने खेल किया।

उन्‍होंने राहुल गांधी का पत्‍ता साफ करने के लिए बड़ी चतुराई से कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का नाम गठबंधन के पीएम पद के उम्‍मीदवार के तौर पर उछाल दिया। ममता नहीं चाहतीं कि गांधी परिवार के किसी सदस्‍य को पीएम उम्‍मीदवार के तौर पर पेश किया जाए। यह और बात है कि गठबंधन के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के प्रस्ताव के बाद खरगे ने कहा कि वह वंचितों के लिए काम करते हैं। पहले जीतें, फिर देखेंगे। वह अभी इस पर कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं।

ममता की पार्टी टीएमसी भी कांग्रेस पर लगातार हमलावर है। हाल में उसने कहा कि राज्यों के विधानसभा चुनावों में मिली हार के बाद कांग्रेस को इससे सबक लेना चाहिए। उसे ‘जमींदारी संस्कृति’ को त्यागना होगा। अपने पार्टनर्स के साथ वह अपनी प्रजा की तरह व्यवहार नहीं कर सकती है। I.N.D.I.A गठबंधन की जीत के लिए कांग्रेस को तीन बार की मुख्यमंत्री और तीन बार की केंद्रीय मंत्री ममता बनर्जी और अन्य वरिष्ठ नेताओं को गठबंधन का चेहरा बनाना होगा। कांग्रेस बार-बार बीजेपी को हराने में नाकाम रही है। दूसरी तरफ ममता बनर्जी के नेतृत्व में टीएमसी के पास कई बार बीजेपी को हराने का रिकॉर्ड है।

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