जुबिली न्यूज डेस्क
केन्या पूर्वी अफ्रीका के सबसे स्थिर लोकतांत्रिक देशों में से एक है लेकिन अब यहां प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। प्रदर्शनकारी संसद में घुस गए, जिसके बाद सांसद भाग खड़े हुए। प्रदर्शनकारियों ने संसद के एक हिस्से को आग लगा दी। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इसके अलावा गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हो गई। केन्या में 80 हजार से 1 लाख भारतीय रहते हैं, जिनकी जान को खतरा है। भारतीयों के लिए उच्चायोग ने एडवायजरी जारी की है। मंगलवार को राष्ट्रपति विलियम रूटो ने विरोध प्रदर्शन की निंदा करते हुए इसे देशद्रोही बताया। लेकिन अचानक केन्या क्यों जल उठा?
बता दे कि ये सारा विवाद एक वित्त विधेयक को लेकर है, जिसमें कई तरह के टैक्स बढ़ने हैं। युवाओं के नेतृत्व वाले एक मूवमेंट ने राष्ट्रपति विलियम रूटो की सरकार को वित्त विधेयक पारित करने के खिलाफ चेतावनी दी थी। उनका कहना है कि इससे केन्याई लोगों की आर्थिक परेशानियां बढ़ जाएंगी। लेकिन इसे नजरअंदाज करते हुए सांसदों ने पारित कर दिया। राष्ट्रपति इसपर मंजूरी देने के लिए हस्ताक्षर करेंगे यह भी तय माना जा रहा है। हालांकि धार्मिक नेता इसे अनुचित बता रहे हैं।
वित्त विधेयक का उद्देश्य इंटरनेट डेटा, ईंधन, बैंक ट्रांसफर और डायपर सहित कई दैनिक इस्तेमाल की चीजों और सेवाओं पर टैक्स या शुल्क बढ़ाना या लागू करना था। पिछले सप्ताह विरोध को देखते हुए मोटर वाहनों, वनस्पति तेल और मोबाइल मनी ट्रांसफर के साथ-साथ ब्रेड पर लगने वाले 16 फीसदी वैट को खत्म कर दिया था। लेकिन केन्या में लगातार बढ़ती महंगाई के बीच लोगों के लिए ये रियायतें काफी नहीं है। वित्त विधेयक के जरिए सरकार का लक्ष्य घरेलू राजस्व में अतिरिक्त 2.7 बिलियन डॉलर जुटाना है।
भारतीयों के लिए खतरा
सरकार का कहना है कि देश के कर्ज को पूरा करने, बजट घाटे को कम करने और सरकार को चालू रखने के लिए ये जरूरी हैं। वहीं प्रदर्शनकारी इसे सजा की तरह मानते हैं। उनका कहना है कि महंगाई के कारण पहले से ही गुजारा करना मुश्किल हो गया है। साल 2023 में रूटो की ओर से लाए गए वित्त विधेयक से भी लोग नाराज थे। लेकिन तब उन्होंने ऐसा कोई प्रदर्शन नहीं किया।
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इस बार केन्या के युवा सोशल मीडिया के जरिए शांतिपूर्ण सड़क प्रदर्शन आयोजित कर रहे थे, जिसका मकसद वित्त विधेयक की पूरी तरह वापसी था। प्रदर्शन नैरोबी में शुरू हुआ और देखते ही देखते देश के अलग-अलग हिस्सों में फैल गया। भारतीय उच्चायोग ने एडवायजरी जारी करते हुए एक्स पर लिखा, ‘मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए, केन्या में सभी भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने, गैर-जरूरी आवाजाही न करने और स्थिति साफ होने तक हिंसा प्रभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी जाती है।’