जुबिली न्यूज डेस्क
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में धरनास्थल पहुंचे। लेकिन वहां ऐसा कुछ हो गया कि पूर्व मुख्यमंत्री को नाराज होकर लौटना पड़ गया।
दरअसल मोदी सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा के जींद जिले में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में धरनास्थल पर पहुंचे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला को संबोधित करने नहीं दिया गया। यह बात उन्हें नागवार गुजरी और वह नाराज होकर बिना धरनास्थल से लौट गए।
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पूर्व मुख्यमंत्री चौटाला जब धरना स्थल पर पहुंचे तो उनका स्वागत किया गया और उन्हें मंच के सामने बैठने के लिए कुर्सी भी दी गई। लेकिन संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों ने उन्हें बोलने के लिए माइक नहीं दिया। चौटाला इससे नाराज हो गए और बिना बोले ही लौट गए।
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पार्टी सूत्रों ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री का यहां आने का कार्यक्रम एक सप्ताह पहले ही तय हो चुका था। वहीं इस मामले में संयुक्त किसान मोर्चा के पदाधिकारियों, कैप्टन भूपेंदर व सतबीर बरसोला ने बताया कि उन्होंने पहले ही इनेलो के स्थानीय नेताओं को बता दिया था कि अब तक किसी भी राजनीतिक दल के नेता को यहां मंच साझा नहीं करने दिया गया है और चौटाला को भी मंच व माइक साझा नहीं करने दिया जाएगा।
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वहीं इस घटना के बाद इनेलो ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बोलने नहीं बल्कि सिर्फ राम-राम करने आए थे। इनेलो नेता करण सिंह अलेवा ने कहा कि यह पहले से तय था कि मंच व माइक साझा नहीं होगा। हमने वहां माइक की डिमांड भी नहीं की थी। चौटाला सिर्फ किसानों को राम-राम करने पहुंचे थे।