जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. भारतीय क्षेत्र में लगातार कब्ज़ा करने की कोशिश में जुटे चीन को ताइवान की अमेरिका से बढ़ती नजदीकियां भी रास नहीं आ रही हैं. चीन यूं भी ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है लेकिन इधर कुछ समय से ताइवान अपनी अलग पहचान बनाने में जुटा हुआ है. उसने अपने पासपोर्ट से भी चीन का नाम हटा दिया है. ताइवान में अमेरिकी विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के दौरे से बौखलाए चीन ने ताइवान को धमकी दी है कि अगर उसने अमेरिका से दोस्ती जारी रखी तो वह ताइवान पर कब्ज़ा कर लेगा.
चीन ने ताइवान को धमकी देने से पहले ताइवान के आसमान पर अपने 18 लड़ाकू विमान भेजे और फिर यह बताया कि लड़ाकू विमानों का यह ड्रिल ताइवान को धमकी देने के लिए नहीं बल्कि ताइवान पर कब्ज़े का रिहर्सल था. चीन ने ताइवान को भारतीय सीमा पर अपने सैनिकों की गतिविधियों के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चीन युद्ध से पीछे नहीं हटता है. ताइवान समझ ले कि उसकी आज़ादी खत्म होने वाली है.
चीन ने ताइवान को स्पष्ट कर दिया है कि अब अमेरिका का विदेश या रक्षा मंत्री ताइवान आया तो चीन के लड़ाकू विमान उसकी ओर बढ़ेंगे. ऐसे में ताइवान ने आक्रामकता दिखाई तो फिर जो कहा है उसे सच कर दिया जाएगा. चीन ने कहा है अमेरिका और ताइवान की किसी भी मिलीभगत को चीन बर्दाश्त नहीं करेगा. चीन ने साफ़ तौर पर कहा है कि उसके पास ताइवान के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की पर्याप्त क्षमता है. बेहद कम समय में वह एक्शन ले सकता है.
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चीन ने ताइवान से कहा है कि ताइवान ने चीन के जो युद्धक विमान अपने आकाश में देखे हैं वह सिर्फ पूर्वाभ्यास था. यह पूर्वाभ्यास कब युद्ध में बदल जाएगा इस बारे में ताइवान सोच भी नहीं पायेगा. चीन ने कहा है कि ताइवान में अशांति की वजह सिर्फ अमेरिका है. अमेरिका को दूर रखने के लिए चीन युद्ध समेत कोई भी कदम उठा सकता है. ताइवान इस चेतावनी के बाद भी नहीं मानेगा तो उसकी आज़ादी खत्म हो जायेगी.