जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। अफगानिस्तान में आखिरकार तालिबान ने देश की कार्यवाहक सरकार का ऐलान कर ही दिया। नई कैबिनेट में उन सभी चेहरों को जगह दी गई है जिन्होंने अफगानिस्तान में बीते 20 साल में अमेरिकी नेतृत्व वाली फौजों से जंग में अहम भूमिका अदा की है।
उधर तालिबान के विरोधी गुट ने हार नहीं मानी है और इस गुट ने बड़ा कदम उठाया है। जानकारी मिल रही है कि अब तालिबान विरोधी गुट ने मौजूदा सरकार को अवैध बताया है और एक समानांतर सरकार का गठन करने का बड़ा ऐलान किया है।
दरअसल पंजशीर घाटी में तालिबान के खिलाफ विद्रोही गुट का नेतृत्व कर रहे अहमद मसूद ने तालिबान के समानांतर सरकार बनाने की बात कही है।
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विद्रोही गुट ने अपना पक्ष रखते हुए साफ कर दिया है कि वो एक ऐसी सरकार का निर्माण करेंगे जो पूरी तरह से एक वैध और ट्रांजिशनल प्रजातांत्रिक सरकार होगी। यह वैध सरकार लोगों के मत से बनेगी और अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा स्वीकार की जाएगी।
रजिस्टेंस फोर्स ने ग्लोबल एजेंसी यूएन, यूएनएचआरसी, ईयू और अन्य संगठनों से अपील की है कि वो तालिबान को किसी तरह से समर्थन ना करें।
रजिस्टेंस फ्रंट ने एक बयान जारी किया है और कहा है कि तालिबान की यह अवैध सरकार अफगानिस्तान के लोगों के लिए कतई ठीक नहीं और इससे यहां अस्थिरता आएगी। यह अफगानिस्तान की शांति और सुरक्षा के लिए भी खतरनाक है।
उन्होंने इससे पहले एक वीडियो संदेश भी जारी किया था और अफगानिस्तान को लोगों से तालिबान के खिलाफ आवाज बुलंद करने के लिए कहा था।
बता दें कि तालिबान ने भले ही पूरे अफगानिस्तान में अपना कब्जा कर लिया हो लेकिन पंजशीर घाटी अब उसके लिए बड़ा खतरा बनी हुई। हालांकि तालिबान बार-बार कह रहा है कि उसने पंजशीर घाटी पर भी अपना दबदबा कायम कर लिया है लेकिन रजिस्टेंस फ्रंट के अब भी मोर्चा लेने की खबरे आती रहती है।