जुबिली न्यूज डेस्क
कोरेाना महामारी ने केंद्र सरकार ही नहीं बल्कि राज्य सरकारों की भी वित्तीय हालत खराब कर दी है। कई राज्यों की वित्तीय स्थिति इतना खराब हो गया है कि वो सरकारी कर्मचारियों को सैलरी नहीं दे पा रहे हैं। ऐसा ही केरल में हुआ है। केरल में कोविड फर्स्ट-लाइन ट्रीटमेंट सेंटर्स (FLTCs) में नियुक्त करीब 900 डॉक्टरों ने अपने वेतन में कटौती पर इस्तीफा दे दिया है।
इस्तीफा देने वाले डॉक्टर उन 1,080 रूक्चक्चस् ग्रेजुएट्स में से हैं जो इस साल सरकारी मेडिकल कॉलेज से पास हुए थे और अस्थाई तौर पर कोविड-19 ड्यूटी के लिए नियुक्त किए गए थे।
बताया जा रहा है कि इन डॉक्टरों का चयन 42,000 प्रति माह का वेतन तय हुआ था, मगर इसमें कटौती की गई और डॉक्टरों को 27,000 रुपए का भुगतान हुआ।
केरल जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन 2020-21 के अध्यक्ष डॉक्टर उस्मान हुसैन के मुताबिक डॉक्टरों की सैलरी में से 8,400 रुपए सरकारी वेतन देने में आ रही चुनौती के नाम पर काट लिए गए। टीडीएस भी काटा गया और अन्य टैक्स भी काटा गया।
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हुसैन ने कहा कि अब हमें सिर्फ 27,000 रुपए प्रतिमाह का भुगतान किया जा रहा है। एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर मामले में तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
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केरल में कोविड-19 के 1,140 नए मामले आने से कोरोना वायरस के संक्रमितों की संख्या 76,524 हो गई। स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने बताया कि 2,111 लोगों को छुट्टी मिलने के साथ ही कुल 53,653 लोग संक्रमण से ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में राज्य में 22,512 मरीजों का उपचार चल रहा है।