जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। नई संसद के पहले दिन ने वो हुआ जिसको लेकर काफी वक्त से कयास लगाये जा रहे थे। दरअसल आखिरकार महिला आरक्षण बिल नई संसद के पहले दिन (विशेष सत्र के दूसरे दिन) की कार्यवाही में पेश किया गया।
इस बिल को लेकर चर्चा भी तेज हो गई है। राजनीतिक दलों में इस बिल को लेकर कई तरह की बाते चल रही है। इतना ही नहीं हर दल इस बिल का श्रेय लेना चाहता है।
जहां एक ओर बीजेपी इस बिल का क्रेडिट लेने के लिए सबसे आगे नजर आ रही है तो वहीं कांग्रेस इस बिल को लेकर मोदी सरकार को हमलावर है। इतना ही नहीं कांग्रेस ने इस बिल को लेकर मोदी सरकार को घेरा है।
कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने लोकसभा में महिला आरक्षण विधेयक पेश किया लेकिन इसके फौरन बाद कांग्रेस ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह विधेयक सबसे बड़े चुनावी ‘जुमलों’ में से एक है।
कांग्रेस के सीनियर लीडर और पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने ट्विटर पर महिला विधेयक को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसते हुए लिखा है कि यह विधेयक सबसे बड़े चुनावी ‘जुमलों’ में से एक है। यह करोड़ों भारतीय महिलाओं और लड़कियों की उम्मीदों के साथ बहुत बड़ा धोखा है।
चुनावी जुमलों के इस मौसम में, यह उन सभी जुमलों में सबसे बड़ा है। इतना ही नहीं जयराम रमेश यहीं नहीं रूके उन्होंने आगे यहां तक कहा कि जैसा कि हमने पहले बताया था, मोदी सरकार ने अभी तक 2021 की दशकीय जनगणना नहीं की है, जिससे भारत जी-20 में एकमात्र देश बन गया है जो जनगणना करने में विफल रहा है।
अब इसमें कहा गया है कि महिला आरक्षण विधेयक के अधिनियम बनने के बाद आयोजित होने वाली पहली दशकीय जनगणना के बाद ही महिलाओं के लिए आरक्षण लागू होगा। यह जनगणना कब होगी?