न्यूज डेस्क
बिहार के सीएम नीतीश कुमार चर्चा में है। सुशासन बाबू के नाम से मशहूर नीतीश कुमार इस बार चर्चा में अपने सुशासन की वजह से नहीं बल्कि नाकामी की वजह से हैं। बिहार में चमकी बुखार से अब तक 142 बच्चों की मौत हो चुकी है और सुशासन बाबू को पंसद नहीं है कि इस मुद्दे पर उनसे कोई सवाल पूछे। वह लगातार चुप्पी साधे हुए है।
चमकी बुखार की वजह से मुजफ्फरपुर में हर दिन मासूम दम तोड़ रहे हैं लेकिन सरकार को इस मुद्दे पर बोलना गवारा नहीं है। उनके स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से क्रिकेट का स्कोर पूछते हैं और फिर इंडिया टीम की जीत के बाद ट्वीट करते हैं।
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नीतीश कुमार भी मुजफ्फरपुर बच्चों को देखने उस समय गए जब यह मामला तूल पकडऩे लगा। उनके सरकार पर सवाल उठने लगा। वह बच्चों को देखने तो नीतीश गो बैक के नारे भी खूब लगे।
18 जून को भी नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मौतों की शुरुआत होने के 20 दिन बाद श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का दौरा किया था। वहां भी नीतीश लोगों के गुस्से का शिकार हुए। लोगों ने नीतीश वापस जाओ के नारे भी लगाए।
#WATCH Bihar: Chief Minister Nitish Kumar evades questions of journalists as they ask him about the deaths of children in the state due to Acute Encephalitis Syndrome (AES). pic.twitter.com/37cQrlOskB
— ANI (@ANI) June 21, 2019
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बच्चों की मौत पर सवाल पूछने भड़के नीतीश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य में AES से हो रही बच्चों की मौत पर सवाल पूछने को लेकर मीडिया पर भड़क गए। इस पूरे मामले पर प्रदेश मुख्यमंत्री ने चुप्पी साधी हुई है। लगातार हो रही मौतों से नीतीश सरकार लोगों के निशाने पर है, लेकिन नीतीश कुमार कुछ बोलने को तैयार नहीं हैं। नीतीश कुमार से जब 19 जून को दिल्ली में बच्चों की मौतों पर सवाल किया गया तो उन्होंने चुप्पी साध ली थी।