Friday - 25 October 2024 - 9:17 PM

प्रज्ञा ठाकुर के क्यों बदले सुर

न्यूज डेस्क

भोपाल लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर एक बार फिर महात्मा गांधी को लेकर चर्चा में हैं। हां, इस बार उन्होंने गोडसे की वकालत नहीं की है बल्कि गांधी को राष्ट्रपुत्र बताया है।

दरअसल, भोपाल रेलवे स्टेशन के एक कार्यक्रम में पहुंचीं साध्वी प्रज्ञा से मीडिया कर्मियों ने उनके संकल्प यात्रा में अब तक शामिल न होने को लेकर सवाल किया था। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ‘गांधी राष्ट्रपुत्र हैं और हमारे लिए आदरणीय हैं लेकिन मुझे किसी को सफाई नहीं देनी।’

गौरतलब है कि भाजपा की ओर से देशभर में गांधी संकल्प यात्रा निकाली जा रही है और इसमें साध्वी प्रज्ञा ने अभी तक हिस्सा नहीं लिया है।

संकल्प यात्रा में प्रज्ञा ठाकुर के शामिल न होने पर सवाल उठ रहा है। सवाल उठना लाजिमी है। चूंकि इसके पहले प्रज्ञा ने गांधी के खिलाफ कई बयान देकर चर्चा में आ चुकी हैं। अब जब उन्होंने महात्मा गांधी को राष्ट्रपुत्र कहा है तो उनके सुर बदलने पर चर्चा हो रही है। सवाल उठ रहा है कि अचानक से साध्वी को गांधी, राष्ट्रपुत्र कैसे लगने लगे। तो क्या यह मोदी की नसीहत का असर है?

दरअसल सांसद प्रज्ञा ठाकुर का यह बयान राजनीतिक मजबूरी है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर केन्द्र सरकार पूरे देश में संकल्प यात्रा निकाल रही है। इसलिए साध्वी चाह कर भी गांधी के खिलाफ कुछ नहीं बोल सकती। और दूसरी बात प्रज्ञा ठाकुर महात्मा गांधी को लेकर कई बार पीएम मोदी के निशाने पर आ चुकी है। पीएम मोदी ने खुलकर नाराजगी जाहिर की थी।

दरअसल सांसद प्रज्ञा ठाकुर का यह बयान राजनीतिक मजबूरी है। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर केन्द्र सरकार पूरे देश में संकल्प यात्रा निकाल रही है। इसलिए साध्वी चाह कर भी गांधी के खिलाफ कुछ नहीं बोल सकती।

सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि जिसने जो भी सराहनीय कार्य किया है, वह हमारे लिए आदरणीय होता है। हम ऐसे लोगों के बताए मार्ग पर चलते हैं और उनका गुणगान करते हैं।

साध्वी ने न सिर्फ महात्मा गांधी बल्कि भगवान राम, शिवाजी महाराज और महाराणा प्रताप को भी धरा का पुत्र बताया। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के कहने पर हम अपने सिद्धांत नहीं बदलेंगे। जो अच्छा है, वह स्वीकार है और जो गलत है, वह अस्वीकार है।

साध्वी ने कहा कि मुझे किसी को सफाई देने की जरूरत नहीं है। मैं राष्ट्र के लिए जीती हूं और राष्ट्र के लिए ही मरती हूं। मेरे सिद्धांत राष्ट्र के लिए हैं। मेरी सांस और चेतना राष्ट्र के लिए चलती है।

गौरतलब है कि सांसद प्रज्ञा इससे पहले महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को राष्ट्रभक्त बता चुकी हैं। उस समय भी वह अपने इस बयान को लेकर चर्चा में रही थीं। प्रज्ञा के इस बयान से बीजेपी बैकफुट पर आ गई थी। मोदी ने भी गुस्सा जाहिर किया था। बीजेपी ने प्रज्ञा के बयान से किनारा कर लिया था।

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