जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. आर्थिक रूप से दिवालिया होने की कगार पर खड़ा पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपनी गतिविधियों को रोकने के लिए किसी भी सूरत में तैयार नहीं है. भारत की संवेदनशील जानकारियाँ हासिल करने के लिए उसने भारत में अपने जासूसों को छोड़ रखा है. पिछले हफ्ते पंजाब के अमृतसर में पकड़े गए आईएसआई के दो जासूसों की अभी पूरी तरह से पड़ताल भी नहीं हो पाई है कि अब राजस्थान में आईएसआई द्वारा लड़कियों की भर्ती की बात सामने आई है.
पहले बात करते हैं पंजाब के अमृतसर से पकडे गए ज़फर रियाज़ और मुहम्मद शमशाद के बारे में. ज़फर कोलकाता का रहने वाला है. उसने वर्ष 2005 में पाकिस्तान की राबिया से शादी की थी, सात साल तक राबिया ज़फर के साथ कोलकाता में रही, फिर वह उसे लेकर लाहौर चली गई. लाहौर में आईएसआई ने उसे भारी-भरकम रकम का लालच देकर अपने साथ मिला लिया. ज़फर को आईएसआई ने भारतीय सेना के संवेदनशील स्थानों की तस्वीरें क्लिक करने का काम सौंपा. ज़फर ने अपने साथ बिहार के मोहम्मद शमशाद को भी शामिल कर लिया. शमशाद पैसों से कमजोर था. वह अमृतसर रेलवे स्टेशन के बाहर नीबू पानी बेचता था. उसे ज्यादा पैसा मिलने लगा तो वह भी ज़फर के साढ़ हो लिया.
अब उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख न्यूज़ चैनल को खबर मिली है कि पाकिस्तान भारत की जासूसी करने के लिए भारत में खूबसूरत लड़कियों की भर्ती करने में लगा है. पाकिस्तानी ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई ने अब तक 300 से ज्यादा लड़कियों को भर्ती भी कर लिया है. इन लड़कियों से पाकिस्तान के लिए जासूसी करवाने के लिए पाकिस्तान ने जो प्रोजेक्ट तैयार किया है उसे प्रोजेक्ट शेरनी नाम दिया गया है. इन लड़कियों के ज़रिये भारत के सीमावर्ती शहरों में काल सेंटर बनवाये जा रहे हैं. यह लड़कियां भारतीय सेना के जवानों से फोन पर मीठी-मीठी बातें कर उन्हें अपने जाल में फंसा लेटी हैं. जोधपुर में तैनात भारतीय सेना का जवान प्रदीप जब हनीट्रैप का शिकार हुआ तो पाकिस्तान के इस मिशन के बारे में पूरी जानकारी सामने आई.
जानकारी मिली है कि इन लड़कियों को छह महीने की कड़ी ट्रेनिंग दी जाती है. इस ट्रेनिंग में यह सिखाया जाता है कि किसी को हनीट्रैप का शिकार कैसे बनाया जाता है. ट्रेनिंग के बाद हर लड़की को 50 नंबर दिए जाते हैं. इन्हीं नंबरों पर काल करके लोगों को फंसाना होता है जो भारतीय गोपनीय सूचनाएं उस लड़की के जाल में फंसकर उसे दे दें. यह लड़कियां या तो कालेज गर्ल होती हैं या फिर काल गर्ल. इन लड़कियों को सेना के कैप्टन रैंक के अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाने का टास्क दिया जाता है.
ज़्यादातर हिन्दू नाम वाली लड़कियां इस काम के लिए रखी जाती हैं. उनकी प्रोफाइल पर हिन्दू देवी-देवता की तस्वीरें होती हैं. यह जब दोस्ती करती हैं तो बहुत सती सावित्री की तरह से पेश आती हैं लेकिन दूसरी तरफ वाला जैसे ही फ्री होकर बात करने लगता है यह उससे अश्लील बात भी करने लगती हैं. गंदे वीडियो भी उसे भेजती हैं. रिश्ते जब बहुत ज्यादा मज़बूत हो जाते हैं तो यह लड़कियां उससे भारतीय सुरक्षा से जुड़े गोपनीय मुद्दों पर बात शुरू कर देती हैं और उससे तमाम जानकारियाँ हासिल कर उसे सीमा पार भेज देती हैं.
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