जुबिली न्यूज डेस्क
साल 2022 की बात करें तो फिलहाल एस साल को जानें में बहुत ही कम समय बचा है। वहीं ये साल रूस के कारोबारियों के लिए बेहद ही बुरा रहा है। रूसी कारोबारियों के लगातार हो रहे मौत एक बड़ा सवाल बनकर सामने आ रहा है. दरअसल भारत में रुसी कारोबरीपावेल की ओडिशा के होटल में पुई मौत ने हैरान कर दिया है. यह पिछले छह महीनों से रूसी धनकुबेरों की हो रही संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के सिलसिले में एक नई मौत है, फर्क सिर्फ इतना है कि यह मौत भारत में हुई है. रूस यूक्रेन युद्ध के बाद से रूसी कारोबारियों की एक के बाद एक संदिग्ध हालातों में मौत पर कई सवाल उठाए जा रहा हैं. क्या इन मौतों के पीछे किसी तरह की कोई साजिश तो नहीं किसी भी तरह का संबंध रूस यूक्रेन युद्ध और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से है.
छह महीने में 21वीं मौत
बता दे कि रूस यूक्रेन युद्ध इस साल फरवरी में शुरू हुआ था. उसके बाद 3 जून को पहली बार किसी रूसी कारोबारी की मौत हुई थी जिसे सामान्य मौत नहीं कहा जा सकता था. लेकिन जांच में इसे हत्या भी नहीं पाया गया था. अब तक 21 मौते हो चुकी है. बताया जाता है कि इनमें से कई व्यवसायियों ने यूक्रेन पर रूसी की ‘सैन्य कार्रवाई’ की आलोचना भी थी.
व्लादिमीर बुदानोव की होटल में मौत
मीडिया रिपोर्ट का कहना है कि 65 वर्षीय एंटोव अपने होटल की खड़की से गिर गए थे उससे पहले उसी होटल में उनके साथ आए चार लोगों में से एक व्लादिमीर बुदानोव की होटल में मौत हो गई थी जिसका कारण स्ट्रोक बताया जा रहा है. बुदानोव की मौत के बाद एंटोव बहुत ही ज्यादा निराश हो गए थे. लेकिन पुलिस को अभी इन घटनाओं में कोई आपराधिक कोण पता नहीं चला है.
सामान्य नहीं थे इन मौतों के हालात
रूसी कारोबारियों की मौत या तो आत्महत्या लग रही थी या फिर किसी तरह का हादसा, लेकिन इतना साफ है कि ये सबी मौतें असामान्य थीं और उनकी मौत के हालात पर संदेहास्पद सवाल पैदा हुए थे. रिपोर्ट्स के मुताबक सभी मारे गए व्यवसायियों का संबंध या तो तेल और गैस कंपनी से था या वे रूस की आंतरिक राजनीति में सक्रिय थे.रूस में कारोबारियों के क्या हालात हैं और उनका रूस यूक्रेन युद्ध से कोई संबंध है या नहीं इस पर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. ब्रिटिश व्यवसायी बिल ब्राउडन, जो 2005 तक रूस में बड़े विदेशी निवेशक रहे थे, का कहना है कि इन मौतों का हत्याएं होने से इनकार नहीं किया जा सकता.
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संदेह की वजह?
बिल ब्राउडन का कहना है यह केवल पैसे की ही लड़ाई कही जा सकती है. वहीं दूसरे विशेषज्ञों का यह भी कहना है इस तरह की घटनाएं रूस के लिए नई नहीं हैं. लेकिन इनमें कई मौतें रूस में हुई हो या रूस के बाहर, या तो आत्महत्या करार दी गई हैं, जैसा कि एंटोव के मामले में लग रहा है, या फिर अचानक हुए दुर्घटना, जैसा कि बुदानोव के मामले में लग रहा है करार दी गई हैं. इतना ही नहीं लगभग हर मामले में मौत के हालात की पूरी स्पष्ट व्याख्या नहीं हो सकी थी. रूसी राजनीति के मानद प्रोफेसर स्टीफ फोर्टेस्क्यू का कहना कि इसमें कुछ बहुत नया या अनोखा नहीं हैं यानि पहली भी इसी तरह से रूसी कारोबारी या नेता संदिग्ध हलातों में मृत पाए जाते रहे हैं जिनकी विस्तृत जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाती है.
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