जुबिली न्यूज डेस्क
किसी देश के लिए कितनी चिंता की बात है कि उनके लोग देश की नागरिकता छोड़ कही और जा रहे है. हैरान करने वाली बात ये है कि 2023 अभी बीता भी नहीं और 87 हजार लोगों ने देश छोड़ दिया. आकड़े बता रहे हैं कि बीते 5 साल में 8 लाख लोगों ने देश की नागरिकता छोड़ने का फैसला लिया. ये देश के लिए बेहद ही चिंता की बात है.
हालाकि सरकार की बात करें तो उनका का कहना है कि लोग अपने ‘निजि कारणों से नागरिकता छोड़ रहे है. सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर क्यों इतनी बड़ी संख्या में देशवासी भारत छोड़ रहे हैं, और कहा जा रहे हैं.
राज्यसभा में सांसद संदीप कुमार पाठक की ओर से चार सवाल पूछे गए। जिसे लेकर विदेश मंत्रालय ने हाल ही में पाठक के एक प्रश्न के जवाब में डेटा प्रदान किया, जो इस मामले पर प्रकाश डालता है.
सरकार की तरफ से राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने जानकारी दी कि इस साल जून 2023 तक यानी महज 6 महीनों में ही 87 हजार 26 लोग भारत की नागरिकता छोड़ चुके हैं।
2023 में 6 महीने में 87 हजार 26 लोग
2022 में 2 लाख 25 हजार 620
2021 में 1 लाख 63 हजार 370
2020 में 85 हजार 256
2019 में 1 लाख 44 हजार 17
2018 में 1 लाख 34 हजार 561
भारत की नागरिकता छोड़ने की ये वजह
मिली जानकारी के अनुसार कई ऐसे कारण है जिस वजह से लोग देश छोड़ रहे हैं, लोगों का मानना है कि करियर, जीवन की गुणवत्ता, शिक्षा के बेहतर मौके, बेहतर स्वास्थ्य सेवा, साफ हवा जैसे कई कारण हो सकते हैं। इसके अलावा अन्य कई देशों की तरह भारत दोहरी नागरिकता की अनुमति नहीं देता है। ऐसे में विदेशी नागरिकता हासिल करने वाले भारतीयों को औपचारिक रूप से भारत की नागरिकता छोड़नी पड़ती है। हालांकि, इसके अलावा भी कई वजह गिनाई जाती हैं।
लोगों की पहली पसंद बना ये देश
भारत छोड़ने के बाद लोगों की पहली पसंद और ठिकाना संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (USA) बनता नजर आ रहा है। इसके बाद कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, इटली, न्यूजीलैंड, जर्मनी, सिंगापुर, नीदरलैंड्स और स्वीडन में इन पांच सालों में सबसे ज्यादा भारतीयों की एंट्री दर्ज की गई है। सरकार ने राज्यसभा में इससे जुड़े आंकड़े भी पेश किए हैं।
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चीन व पाकिस्तान का रुख
खास बात है कि भारत छोड़ने के बाद नए ठिकाने के तौर पर लोग चीन को भी चुन रहे हैं। इन पांच सालों के दौरान 2 हजार 442 लोगों ने चीन की नागरिकता को चुना है। फिलहाल, वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। इसके अलावा 2020 से भारत की जनता पाकिस्तान का भी रुख कर रही है। यहां 2020 में 7, 2021 में 41, 2022 में 13 और जून 2023 तक 8 लोग नागरिकता ले चुके हैं।