Friday - 25 October 2024 - 3:49 PM

एडल्ट फिल्मों को क्यों कहते हैं Blue Film, ये शहर है शूटिंग का हब? जानें चौंकाने वाली बातें

जुबिली न्यूज डेस्क 

एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री आज के वक्त में समाज की वो सच्चाई है जिसे आप नकार नहीं सकते. बड़ी संख्या में लोग इस इंडस्ट्री से जुड़े हैं और लाखों-करोड़ों की संख्या में लोग इस इंडस्ट्री द्वारा बनाई जाने वाली फिल्मों या अन्य कंटेंट को देखते हैं. आपको इस इंडस्ट्री से जुड़े इन चौंकाने वाली बातों को जरूर जानना चाहिए जिससे आपको पता चलेगा कि ये पूरा का पूरा बिजनेस है और किसी भी अन्य एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की तरह काम कर रही है.

हॉलीवुड से ज्यादा कमाई करती है एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री 

ये फैक्ट जानकर आपके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी कि दुनिया में एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री 8 लाख करोड़ रुपयों की है. अकेले अमेरिकी एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री की कमाई 1 लाख करोड़ रुपये तक है. दूसरी ओर वीडियो गेम इंडस्ट्री की बात करें तो वो 7 लाख करोड़ रुपयों की है, यानी एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री से कम. इससे ज्यादा हैरानी तो ये भी जानकर होगी कि एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री, हॉलीवुड से ज्यादा कमाई करती है. दुनिया की पहली एडल्ट फिल्म थी जो साल 1896 में रिलीज हुई थी. फिल्म लगभग 7 मिनट की थी. इसे अल्बर्ट कर्चनर ने बनाया था जो उस वक्त धार्मिक फिल्में भी बनाया करते थे.

जानें कहा है एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री का हब

दुनिया का वो कौन सा शहर है जिसे इन फिल्मों की शूटिंग का सबसे बड़ा हब माना जाता है? अमेरिका का लॉस एंजेलिस शहर दुनिया में इन फिल्मों की शूटिंग के लिए मशहूर है. यहां का सैन फर्नैंडो इलाका ही वो जगह है जहां सबसे ज्यादा शूटिंग होती है. हालांकि, अब ज्यादातर कंपनियां कैलिफोर्निया या नेवाडा शिफ्ट हो गई हैं जहां शूटिंग के लिए लाइसेंस मिलना ज्यादा आसान हो गया है.

एडल्ट फिल्म इंडस्ट्री में वेतन का अंतर बहुत ज्यादा है. अन्य इंडस्ट्री में पुरुषों को ज्यादा पैसे मिलते हैं जबकि महिलाओं  को कम, पर इस इंडस्ट्री में महिलाओं को ज्यादा पैसे दिए जाते हैं. पुरुष अगर शूटिंग की मांग के अनुसार क्लाइमैक्स तक नहीं पहुंचते हैं तो उनके पैसे भी काट लिए जाते हैं. अब चूंकि पुरुषों की आमदनी महिलाओं से कम होती है, ऐसे में वो समलैंगिक एडल्ट फिल्में भी करने को तैयार हो जाते हैं जिसमें पुरुष-स्त्री वाली एडल्ट फिल्मों से ज्यादा पैसे मिलते हैं.

एडल्ट फिल्मों को ब्लू फिल्म क्यों कहते हैं

एडल्ट फिल्मों को ब्लू फिल्म क्यों कहते हैं? ये भी सोचने वाली बात है. दरअसल, इसके कई कारण प्रचलित हैं. पहला कारण ये है कि पुराने वक्त में एडल्ट फिल्मों के कैसेट नीले रंग के बैग में दिए जाते थे जिससे लोगों की नजर उसपर कम पड़े. दूसरा ये कि इन फिल्मों के पोस्टर्स नीले रंग के होते थे. ताकि ये ज्यादा से ज्यादा ऑडियंस का ध्यान जुटा सके. तब से इन्हें ब्लू फिल्म बोला जाने लगा. इसके अलावा एक और मुख्य कारण जो सामने आया है वो ये कि पहले के समय में छोटे प्रड्यूसर कम बजट में इन एडल्ट मूवीज को बनाते थे. उनके पास ज्यादा पैसे नहीं होते थे. इस वजह से वो ब्लैक एंड व्हाइट रील को ही कलर में तब्दील करते थे और उसी में फिल्म शूट की जाती थी. इस जुगाड़ की वजह से फिल्मों में नीले रंग की छाप छूट जाती थी. इन वजहों से एडल्ट फिल्मों को ब्लू फिल्म कहने लगे.

एडल्ट फिल्में भी अन्य मूवीज की तरह घंटों तक शूट होती हैं, फिल्म के किसी बोल्ड सीन को शूट करने में काफी वक्त लगता है. ऐसे में पुरुष एक्टर्स के लिए प्राइवेट पार्ट का इरेक्शन बनाए रखना मुश्किल हो जाता है. इस वजह से फिल्मों के सेट पर फ्लफर्स नियुक्त किए जाते हैं. ये लोग पुरुष एक्टर्स को उत्तेजित करने में मदद करते हैं.

आपको जानकर हैरानी होगी कि ऑस्ट्रेलिया में छोटे ब्रेस्ट साइज वाली एक्ट्रेसेज की एडल्ट फिल्मों पर बैन लगा दिया जाता है.कई बार एडल्ट फिल्में देखकर पुरुष या औरतें गलत धारणाएं मन में बैठा लेते हैं. उन्हें लगता है कि जो कुछ भी उसमें दिखाया जाता है वो सही है, या फिर हर पुरुष और स्त्री का शरीर उन फिल्मों के एक्टर्स जैसा ही होगा. ये बिल्कुल गलत है, इस भ्रम को तोड़ने के लिए एक छोटा सा उदाहरण देना जरूरी है कि एडल्ट फिल्मों में पुरुष एक्टर्स अपने प्राइवेट पार्ट का इरेक्शन बनाए रखने के लिए Caverject नाम की एक दवा लेते हैं जिसे सीधे उनके प्राइवेट पार्ट में इंजेक्ट किया जाता है.

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