जुबिली न्यूज डेस्क
उत्तर प्रदेश के सीएम योगी के गढ़ गोरखपुर से चौंका देने वाला मामला सामने आया है. जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे. दरअसल गोरखपुर जोन में कुल 35 हजार घरों में ताला पड़ा हुआ है. यह रिपोर्ट बिजली मीटर की रीडिंग लेकर बिल तैयार करने वाली कंपनी की है. कंपनी के मुताबिक, जब कर्मचारी मीटर रीडिंग लेने गए तो 35 हजार घरों में ताला पड़ा था. इसकी वजह से बिल नहीं निकाल सके.
बता दे कि एक बैठक में जब 35, 000 का यह आंकड़ा अधिकारियों के सामने रखा गया तो उनके होश ही उड़ गए. पूरे शहर में यह बात चर्चा का विषय बनी हुई है. अधिकारियों का कहना है कि जब ये आंकड़ा उन्होंने देखा तो वे हैरान रह गए. गोरखपुर में 35 हजार घरों में ताला पड़ा है, आखिर ये लोग कहां गए हैं. पूर्वांचल बिजली वितरण निगम के एमडी ने इस मामले की जांच के निर्देश दिए. इसके बाद जब ग्राउंड रिपोर्ट सामने आई तो कुछ और मामला निकला.
दरअसल, बिलिंग मशीन एजेंसी में जिले के कुल 35000 घरों का नवंबर का बिल जारी नहीं किया था. इसके बाद उनके मनमानी करने की शिकायतें अधिकारियों को मिल रही थीं. नवंबर में इतने घरों का बिलिंग जेनरेट क्यों नहीं हुआ, इस पर एमडी की बैठक में जब बिलिंग एजेंसी ने यह आंकड़ा पेश किया तो सब हैरान रह गए. इसके बाद मुख्य अभियंता ने इस पर आपत्ति जताई और सच्चाई जानने के लिए टीमें भेजीं.
घर-घर दस्तक अभियान शुरू किया गया. बिना किसी पूर्व सूचना के अधिकारी लगभग 5 हजार घरों तक पहुंचे तो पता चला कि पिछले 2 महीने से कोई भी मीटर रीडिंग करने आया ही नहीं है. रीडिंग वाली एजेंसी संदिग्ध पाई गई और उनके मीटर रीडर ज्यादातर घरों में गए ही नहीं.
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, पावर कॉर्पोरेशन ने बिलिंग एजेंसी क्वैश क्रॉप को गोरखपुर जोन के 21.50 लाख उपभोक्ताओं को हर महीने समय से बिजली बिल जेनरेट करने का जिम्मा सौंपा है. इस मामले में अधिकारियों ने पूर्वांचल एमडी से शिकायत की थी कि एजेंसी के मीटर रीडर टेबल रीडिंग कर मनमानी ढ़ंग से बिल बना रहे हैं.एजेंसी की रिपोर्ट को लेकर की गई शिकायत के बाद बिलिंग एजेंसी के कार्यों की समीक्षा के लिए 9 दिसंबर को पूर्वांचल एमडी ने वाराणसी में समीक्षा बैठक बुलाई. बैठक में बिलिंग एजेंसी ने यह आंकड़ा पेश किया कि गोरखपुर जोन में शहर में 15 हजार व ग्रामीण एरिया में 20 हजार घरों में ताला बंद है. ऐसे में नवंबर में इन कनेक्शन पर बिल नहीं बना है. गौरतलब है कि जोन के विभिन्न वितरण खंडों में नॉन ट्रेसेबल श्रेणी में 30 हजार कनेक्शन हैं.
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अधिकारी ने कही ये बात
इस मामले में मुख्य अभियंता आशु कालिया ने बताया कि ये संख्या नॉन ट्रेसेबल लोगों की थी, जो बिलिंग एजेंसी ने उपलब्ध कराई थी. ऐसे लोग मौके पर पाए नहीं गए थे. इसके बाद हमने इसकी जांच कराई तो बड़ी संख्या में उपभोक्ता मिल रहे हैं और उनकी बिलिंग भी करवा दी है.
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