Monday - 28 October 2024 - 11:41 PM

आखिर क्यों पीछे हटे अनिल अंबानी

न्यूज डेस्क

मंगलवार को अनिल अंबानी सुर्खियों में बने रहे। सियासी हलचल के बीच अनिल अंबानी के एक फैसले ने सियासी गलियारे से लेकर मीडिया में हलचल मचा दी। अनिल के फैसले के अनेक मायने निकाले जाने लगे।

गौरतलब है कि उद्योगपति अनिल अंबानी ने मंगलवार को फैसला लिया कि राफेल सौदे पर एक लेख को लेकर कांग्रेस नेताओं और नेशनल हेराल्ड अखबार के खिलाफ दायर मानहानि का मुकदमा वापस लिया जायेगा। ये मानहानि का मुकदमा 500 करोड़ का है और यह अहमदाबाद की अदालत में दर्ज है।

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देश के तमाम एग्जिट पोल पीएम मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनने का अनुमान जता चुके है। ऐसे में अनिल अंबानी द्वारा मानहानि का मुकदमा वापस लेने के फैसले से अनेक सवाल खड़ा होने लगा है। सबसे बड़ा सवाल कि आखिर अनिल अंबानी क्यों पीछे हटे, जबकि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लंबे समय से राफेल मुद्दे पर जितनी बार मोदी का नाम लिए हैं उतनी ही बार अनिल अंबानी का। फिर ऐसा क्या हो गया कि अनिल अंबानी को यह फैसला लेना पड़ा।

चर्चाओं पर बात की जाए तो अनिल अंबानी के इस कदम के पीछे का कारण एग्जिट पोल ही है। माना जा रहा है कि जिस तरह से एग्जिट पोल ने मोदी के फेवर में अनुमान जताया है वैसा धरातल पर है नहीं।

चुनाव के दौरान जमीनी स्तर पर काम करने वाले पत्रकारों की माने तो जितनी सीटे मोदी को एग्जिट  पोल के मुताबिक मिल रही है वैसा है नहीं। मोदी को बहुमत मिलना मुश्किल है। भले ही बीजेपी सरकार बनाने के दावे कर रही हो लेकिन सरकार बनाना इतना आसान नहीं होगा। इसलिए अनिल अंबानी कोई जोखिम नहीं लेना चाहते।

एग्जिट पोल कभी नहीं रहा विश्वसनीय

जिस एग्जिट पोल पर बीजेपी ताजपोशी की तैयारी कर रही है, वह हमेशा से संदेह के घेरे में रही है। एग्जिट पोल के नतीजे कभी भी सटीक नहीं रहे हैं। इसलिए इस बार भी एग्जिट पोल की सटीकता पर सवाल उठता रहा है।

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रिलायंस का बयान

समूह ने बयान में कहा, ”हमारा मानना है कि कुछ लोगों तथा कॉरपोरेट निकायों द्वारा रिलायंस समूह और डसॉल्ट एविएशन के बीच आफसेट करार को लेकर दिया गया अवमानना वाला बयान लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर राजनीतिक उद्देश्य से दिया गया था। लोकसभा चुनाव के लिए मतदान 19 मई को पूरा हो गया है। इसके अलावा यह मुद्दा माननीय सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है।”

बयान में किसी का नाम लिए बिना कहा गया है कि इन लोगों तथा कॉरपोरेट निकायों के खिलाफ दायर अवमानना के मुकदमों को वापस लेने का फैसला किया गया है। हालांकि, बयान में किसी का नाम नहीं लिया गया है।

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