न्यूज डेस्क
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने प्रमुख रज्जू भैया की याद में अगले साल आर्मी स्कूल खोले जाने की योजना बना रहा है, जिस पर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि आरएसएस अपने राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे संस्थान खोलेगा जहां सद्भाव में बाधा डालने और मॉब लिंचिंग सिखाई जाएगी।
आरएसएस के आर्मी स्कूल खोलने की योजना पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि इससे संविधान की अवहेलना होगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि ‘आरएसएस एक विभाजनकारी विचारधारा को मानता है। स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका नकारात्मक थी और आज भी, इसका स्वतंत्रता संग्राम के आदर्शों से कोई लेना-देना नहीं है। आरएसएस अपने राजनीतिक लाभ के लिए ऐसे संस्थान खोलेगा जहां सद्भाव में बाधा डालने और मॉब लिंचिंग सिखाई जाएगी।’
उन्होंने कहा कि आरएसएस अपने राजनीतिक फायदे के लिए ऐसे संस्थान खोलेने के लिए योजना बना रहा है।
अखिलेश ने कहा कि इस परिजयोनजा में 40 करोड़ रुपए खर्च होने की संभावना है। जब देश में पहले से पांच मिलिट्री स्कूल है, जिनमें दो राजस्थान, दो कर्नाटक में और एक हिमाचल प्रदेश में हैं। उन्होंने कहा कि लखनऊ, अमेठी, मैनपुरी और झांसी में एक-एक सैनिक स्कूल है। ये सभी संस्थान सरकार द्वारा चलाए जा रहे हैं। इसलिए आरएसएस को अपनी आर्मी स्कूल चलाने की जरूरत कहां है।
रज्जू भैय्या के नाम पर आरएसएस खोलेगा आर्मी स्कूल
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की योजना अपने पूर्व प्रमुख राजेंद्र सिंह या रज्जू भैया की याद में अगले साल एक आर्मी स्कूल स्थापित करने की है। यह आर्मी स्कूल बुलंदशहर के शिकारपुर में बनाया जा रहा है।
‘रज्जू भैया सैनिक विद्या मंदिर’ कहे जाने वाले स्कूल की स्थापना बुलंदशहर जिले की शिकारपुर तहसील में की जाएगी, जहां 1922 में आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक का जन्म हुआ था। स्कूल का संचालन आरएसएस की शिक्षा शाखा विद्या भारती द्वारा किया जाएगा और यह छात्रों को रक्षा संबंधी प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
आरएसएस आर्मी स्कूल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) पाठ्यक्रम को अपनाएगा और इसमें कक्षा 6 से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्र होंगे। कक्षाएं अप्रैल 2020 से शुरू होंगी और इसके पहले बैच में 160 छात्रों के शामिल होने की उम्मीद है।
गौरतलब है कि विद्या भारती पहले से ही भारत भर में 20,000 से अधिक स्कूलों को संचालित कर रही है।