जुबिली न्यूज़ डेस्क
सिद्धार्थनगर। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में शामिल होने वाली दुल्हनों को सजाने में महिला शिक्षकों की ड्यूटी लगाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस मामले में सहायक बेसिक शिक्षा अधिकारी (एबीएसए) को सस्पेंड किए जाने के बाद शिक्षकों और अन्य अधिकारियों में आक्रोश व्याप्त है।
बता दें कि 28 जनवरी यानी आज सिद्धार्थनगर में सामूहिक विवाह आयोजित होना था। इसमें 20 सरकारी महिला शिक्षकों की ड्यूटी दुल्हनों को संजाने में लगा दी गई।
नौगढ़ इलाके के एबीएसए ध्रुव प्रसाद ने इसका एक लिखित आदेश जारी कर दिया। इसमें इन सभी 20 महिला शिक्षकों के नाम हैं और उन्हें सुबह 9 बजे कार्यक्रम स्थल में पहुंचने का निर्देश दिया गया है।
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एबीएसए ध्रुव प्रसाद जायसवाल की तरफ से जारी इस आदेश के वायरल होने के बाद विभाग की किरकिरी हुई तो बेसिक शिक्षा अधिकारी सूर्यकांत त्रिपाठी ने आनन-फानन में आदेश को निरस्त कर दिया। साथ ही, एबीएसए को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए। आदेश के जारी होने के बाद टीचरों ने भी इस पर आपत्ति जताई।
बताया जा रहा है कि एबीएसए ने एक मौखिक आदेश को लिखित में जारी कर दिया। लेकिन अब एक और पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसे सिद्धार्थनगर जिलाअधिकारी द्वारा जारी किया गया है। इस पत्र में शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों की ड्यूटी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम में लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
सवाल यह उठता है कि, जब डीएम ने आदेश दिया तो कार्रवाई एबीएसए पर क्यों की गई? सबसे बड़ी बात इस मामले में जिलाधिकारी (डीएम) दीपक मीणा ने जांच के आदेश दिए हैं। अब यह बात समझ से परे है कि, जांच किस बात की हो रही है और जब डीएम खुद ही इस प्रकरण में दोषी हैं तो इसकी जांच उच्च स्तर पर क्यों नही हो रही ?
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बता दें कि, जिलाधिकारी कार्द्वायालय से आदेश 25 जनवरी को जारी किया गया था जबकि खंड शिक्षा अधिकारी, नौगढ़ के कार्यालय से आदेश 27 जनवरी को जारी किया गया है।