न्यूज डेस्क
आईटी सेक्टर से लेकर आम लोगों का अमेरिका जाना सपना होता है। हर साल सैकड़ों भारतीय अमेरिका जाते हैं, लेकिन अमेरिका में ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से परिस्थितियां बदल गई हैं। अब अमेरिका जाना भी आसान नहीं है और वहां जो लोग अवैध तरीके से जमे हुए हैं उनका भी रह पाना आसान नहीं है।
अमेरिका ने शुरुआती छह महीनों में ही करीब 550 भारतीयों को गैरकानूनी रूप से रहने का हवाला देते हुए देश से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। 2018 के मुकाबले यह आंकड़ा 50 प्रतिशत अधिक है। वहीं 2018 और 2017 में ये संख्या क्रमश: 790 और 570 थी।
गृह मंत्रालय के मुताबिक 350 अन्य भारतीयों को अमेरिका के निष्कासन गृहों में रखा गया है जो अपनी अमानवीय स्थिति के कारण निशाने पर हैं। इनकी तुलना नाजी शिविरों से भी की गयी है।
कबूतरबाज बना रहे बेवकूफ
यह सारा खेल कबूतरबाजों का है। लोगों को बेहतर जिंदगी का सपना दिखाकर उन्हें बेवकूफ बनाते हैं। जो लोग इनके झासे में आ जाते हैं वे खुद को खतरे में डाल लेते हैं और गैरकानूनी ढंग से दूसरे देशों की सीमा में प्रवेश कर जाते हैं।
गौरतलब है एक छह साल की भारतीय बच्ची की अमेरिका-मेक्सिको सीमा पार करते हुए मृत्यु हो गयी थी।
2018 में 8,997 अप्रवासियों को किया गया गिरफ्तार
ट्रम्प सरकार द्वारा वीजा कानूनों में कड़े बदलाव किया जाना भी गैरकानूनी प्रवासियों को निकालने के मामलों की बढ़ती संख्या का एक अहम कारण है।
बॉर्डर पट्रोल स्टेटिस्टिक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में 8,997 भारतीयों को अमेरिका के दक्षिणी पश्चिमी सीमा से गिरफ्तार किया गया था। वहीं 2017 में ये संख्या 2,943 थी। यानी वर्ष 2018 में 2017 की तुलना में तीन गुना अप्रवासियों को पकड़ा गया।
नई निष्कासल प्रक्रिया लागू करने की तैयारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप सरकार जल्द ही एक नयी निष्कासन प्रक्रिया लागू करने की तैयारी में है। जिसमें इमीग्रेशन कोर्ट की भूमिका खत्म की जा सके और प्रक्रिया जल्द ही पूरी की जा सके।
रिपोर्ट के मुताबिक ‘नए कानून के अनुसार उन लोगों को देश से निकाल दिया जायेगा जो दो साल से अधिक समय से अमेरिका में रहने का प्रमाण नहीं दे पायेंगे। अब तक सिर्फ उन्ही लोगों को बाहर निकला जा रहा था जो सीमा के पास दो हफ्ते से कम समय से रह रहे थे।’ नया कानून जल्द ही लागू होने की उम्मीद की जा रही है।
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अवैध प्रवासियों काो अमेरिका ने विशेष उड़ान से भेजा भारत
अमेरिका से बाहर निकले गए 550 भारतीयों में से 80 प्रतिशत 20 से 45 साल के आयु वर्ग से हैं। इसमें 75 फीसदी लोग पंजाब या गुजरात से हैं। निष्कासित लोगों में महिलाएं शामिल नहीं हैं।
पिछले महीने अवैध प्रवासियों के लिए अमेरिका से भारत के लिए एक विशेष उड़ान का प्रबंध किया गया था। पिछले छह महीनों में इसी तरह की चार और उड़ानों का इंतजाम किया गया जिसमें प्रत्येक विमान में करीब 100-150 भारतीयों को वापस भारत भेजा गया।
2018 में भी ऐसी ही पांच और उड़ानों का इंतजाम किया गया था। मिली जानकारी के अनुसार आमतौर पर अवैध प्रवासियों को सामान्य विमान से भेज दिया जाता है पर अगर संख्या ज्यादा हो तो विशेष उड़ानों का प्रबंध किया जाता है।
विश्वभर से निष्कासन में बढ़ोत्तरी
आंकड़ों की माने तो कुल 9,068 भारतीय 2018 में विश्वभर से निष्कासित किये गए। इस साल जून तक यह आंकड़ा 4,010 तक पहुंच चुका है। वहीं 2017 में ये संख्या 9,212 थी।