जुबिली स्पेशल डेस्क
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम काफी एक्टिव हो गई और विधानसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन का खेल बिगाडऩे के लिए पूरी तरह से तैयार है।
एआईएमआईएम कई पार्टियों को मुश्किले में डालता हुआ नजर आ रहा है। कहा जा रहा है कि एआईएमआईएम की सक्रियता की वजह से मुस्लिम वोट कांग्रेस और और एनसीपी (शरद पवार) के हाथ से निकल सकता है।
एआईएमआईएम के साथ कई और छोटी पार्टी है जो, दोनों ही पार्टियों का खेल बिगाड़ सकती है। इस वजह से महाविकास अघाड़ी और महायुति गठबंधन के माथे पर चिंता की लकीर साफ देखी जा सकती है।
कांग्रेसी नेताओं को भी इस बात का इल्म है और वो बार-बार कह रहे हैं कि एआईएमआईएम सीधे तौर पर वोट बैंक काटने का काम करेंगे और इसका सीधा फायदा बीजेपी को होगा। हालांकि कांग्रेस को भरोसा ऐसा हो नहीं पायेगा क्योंकि महाराष्ट्र की जनता हरियाणा वाला परिणाम यहां दोहराना नहीं चाहती है। इसलिए एमवीए इस बार एलर्ट है।
एआईएमआईएम ने जिन 16 सीटों पर ताल ठोक रही है और कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना उद्धव नुकसान पहुंचाने के लिए काफी होगी। ज्यादातर सीटों पर ओवैसी की पार्टी ने महाविकास अघाड़ी उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। बीजेपी को फायदा पहुंच सकता है।
2019 में एआईएमआईएम ने 44 सीटों पर चुनाव लड़ा और दो में जीत दर्ज की थी। कुल मिलाकर अब देखना होगा दो प्रमुख गठबंधन को इसका कितना नुकसान होता है।
इस बार उसने 16 सीटों पर अपने उम्मीदवारों को उतारा है और दोनों ही गठबंधन पर एक बार फिर दबाव बनाने काम किया है। एआईएमएम ने इस बार 4 दलित और 12 मुस्लिम उम्मीदवार उतार कर दलित और मुस्लिम का गठजोड़ कर दोनों बड़े गठबंधन को मुश्किल में जरूर डाल दिया है।
कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि एआईएमआईएम का मकसद भाजपा विरोधी वोट में सेंध लगाकर महायुति को फायदा पहुंचाना है. इसलिए पार्टी ने मुस्लिम और आरक्षित सीटों का चुनाव किया है।