न्यूज डेस्क
विश्व स्वास्थ्य संगठन यानि WHO के फैसले से चीन को बड़ा झटका लगा है। WHO ने कोरोना वायरस को लेकर वैश्विक संकट घोषित किया है। चीन में अब तक इस वायरस से 170 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोरोना वायरस की शुरुआत चीन के वुहान शहर में एक अवैध वाइल्ड लाइफ मार्केट से हुई थी। यह वायरस 18 देशों में अपना पाव पसार चुका है। WHO के ताजा आंकड़ों के अनुसार दुनिया भर में कोरोना वायरस के 7,800 मामले पाए गए हैं।
कोरोना वायरस की वजह से दुनिया भर में चीन की नकारात्मक छवि बन रही है। कोरोना वायरस के कारण लोग चीन का दौरा रद्द कर रहे हैं। चीन के अलावा दुनिया के अलग-अलग देशों में कोरोना वायरस के 100 और मामले पाए गए हैं। इस वायरस के डर से फेस मास्क की भी मांग बढ़ी है।
जेनेवा में एक न्यूज कांफ्रेंस में WHO के महानिदेशक टेड्रोस ऐडहेनॉम गेब्रीयेसोस ने इस वायरस से निपटने में चीन की सक्रियता की तारीफ की लेकिन साथ ही उन्होंने इस वायरस के बाकी के देशों में फैलने को लेकर चिंता भी जताई।
गेब्रीयेसोस ने कहा, ”वैश्विक संकट केवल चीन को लेकर घोषित नहीं किया गया है। वैश्विक संकट बाकी के देशों में कोरोना के मामले पाए जाने के कारण किया गया हैं। हमारी चिंता यह है कि जिन देशों में यह वायरस फैल रहा है वहां के हेल्थ सिस्टम बहुत ही खराब हैं।”
WHO के इस कदम से सभी देशों के बीच कोरोना वायरस से जुड़ी सूचनाओं के आदान-प्रदान को लेकर सख्ती बरती जाएगी। हालांकि यह चीन के लिए मुश्किल खड़ा करेगा।
चीन से बाहर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में इसके फैलने की आशंका से विशेषज्ञ चिंतित हैं। अमेरिका और इटली में भी कोरोना वायरस का मामला सामने आया है। वहीं कारोबारी एयर लाइंस द्वारा उड़ाने बंद करने से परेशान है। कारोबारियों का कहना है कि WHO ने चीन आने-जाने पर रोक नहीं लगाई है, लेकिन एयर फ्रांस, अमरीकन एयरलाइंस और ब्रिटिश एयरवेज ने चीन से अपनी उड़ानें बंद कर दी हैं। इससे चीन को काफी बड़ा आर्थिक नुकसान हो रहा है।
मल्टिनेशनल कंपनियां भी कोरोना वायरस के कारण चीन में बिजनेस बंद कर रही हैं। अल्फाबेट इंक गूगल और स्वीडन ढ्ढ्यश्व्र ने चीन में अपना ऑपरेशन बंद कर दिया है। चीन में भारत म्यांमार के काफी स्टूडेंट फंसे हुए हैं।
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र ने WHO को 2005 में वैश्विक स्तर पर इस तरह की हेल्थ इमर्जेंसी घोषित करने का अधिकार दिया था। उसके बाद से यह छठवीं बार है जब वैश्विक स्तर पर हेल्थ इमर्जेंसी घोषित की गई है। हालांकि ङ्ख॥ह्र ने चीन आने-जाने पर रोक नहीं लगाई है।
WHO ने कहा कि चीन से लगी सीमा को अगर कोई देश बंद करता है तो वो इसका विरोध करेगा। हालांकि WHO ने रूस का नाम नहीं लिया। रूस ने चीन से लगी अपनी सीमा के कई हिस्सों को बंद कर दिया है और चीन के लोगों का वीजा भी रद्द कर दिया है।
WHO के इस निर्णय से टूरिज्म इंडस्ट्री प्रभावित होने की बात कही जा रही है। चीन जाने से लोग परहेज करने लगेंगे। जापान ने भी वुहान से अपनी उड़ान बंद कर दी है। चीन ने कहा है कि वो कोरोना वायरस से निपटने में सक्षम है और लगातार काबू पाने की कोशिश कर रहा है।
पाक ने बंद की चीन की उड़ाने
पाकिस्तान ने कोरोना वायरस को देखते हुए चीन से उड़ान बंद कर दी है। पाकिस्तान की सिविल एविएशन अथॉरिटी ने अपने फैसले में कहा, ”पाकिस्तान और चीन के बीच सभी उड़ान तत्काल प्रभाव से बंद कर दी गई है। फिलहाल दो फरवरी तक कोई फ्लाइट चीन और पाकिस्तान के बीच नहीं जाएगी।
चीन में पाकिस्तान के करीब 500 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। चीन में रह रहे कुल पाकिस्तानियों की संख्या 28 से 30 हजार के बीच है और इनमें से ज़्यादा छात्र ही हैं।
पाक के सिविल एविएशन अथॉरिटी के सचिव अब्दुल सत्तार खोखर ने कहा कि तारीख की समीक्षा की जाएगी। खोखर ने कहा, ”पाकिस्तानी इंटरनेशनल एयरलाइंस चीन से दो उड़ान संचालित करता है और दोनों को निलंबित कर दिया गया है।”
यह भी पढ़ें : प्रधानमंत्री को जवाब देना चाहिए कि वे कैसी दिल्ली बनाना चाहते हैं?
यह भी पढ़ें :ये ईमानदार अफसर बनेंगे नए डीजीपी, योगी ने लगाई मुहर