Monday - 28 October 2024 - 10:44 AM

नेपाल के किस ऐलान के लिए पूरी दुनिया को है बेसब्री से इंतजार

जुबिली न्यूज़ डेस्क

काठमांडू। पूरे विश्व को जल्द ही माउंट एवरेस्ट अर्थात कोमोलांगमा (सागरमाथा) की ऊंचाई के बारे में जानकारी मिल सकेगी क्योंकि नेपाल मंत्रिमंडल ने चीन के साथ मिलकर विश्व की सबसे ऊंची चोटी की ऊंचाई की घोषणा करने का फैसला किया है।

पिछले साल अक्टूबर में नेपाल और चीन के बीच इस बात पर सहमति बनी थी कि दोनों देश संयुक्त रूप से माउंट कोमोलांगमा की ऊंचाई और वैज्ञानिक अनुसंधान का संचालन करेंगे, जिसे नेपाल में सागरमाथा और पश्चिम में एवरेस्ट के रूप में जाना जाता है।

ये भी पढ़े: RBI गवर्नर ने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर ये कहा

ये भी पढ़े: अनेक विविधिताओं का इंद्रधनुष है भारतीय संविधान

नेपाली और चीनी सर्वेक्षकों ने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत की माप प्रक्रिया पूरी करने के बाद इसकी नई ऊंचाई की घोषणा करने की तैयारी की है। माउंट क़ोमोलांगमा नेपाल और चीन की साझी विरासत है।

भूमि प्रबंधन, सहकारिता और गरीबी उन्मूलन मंत्री नेपाली मंत्री पद्मा कुमारी आर्यल ने कहा कि बुधवार को कैबिनेट की बैठक ने माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई को संयुक्त रूप से घोषित करने के बारे में मेरे प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। पहाड़ की ऊंचाई पर दोनों पक्ष पहले ही एक निष्कर्ष पर पहुंच चुके हैं।

ये भी पढ़े: मुकम्मल आज़ादी का नाम है कान्स्टीट्यूशन

ये भी पढ़े: इस फिल्म में पांच किरदार अकेले निभा रहे वरुण धवन

हम एक महीने के भीतर ऊंचाई घोषित करने की योजना बना रहे हैं। लेकिन अभी उन्हें इस बारे में फैसला नहीं किया गया है कि ऊंचाई किस मंच पर घोषित की जाएगी। नेपाली सर्वेक्षणकर्ता आवश्यक माप उपकरण लेकर माप का संचालन करने के लिए मई 2019 में पहाड़ की चोटी पर पहुंच गए थे। चीनी सर्वेक्षणकर्ताओं की एक टीम ने इस साल मई में माउंट क़ोमोलांगमा पर भी चढ़ाई की।

ये भी पढ़े: तस्वीर में देख कर पहचानिए बॉलीवुड का ये एक्टर है कौन

ये भी पढ़े: महबूबा मुफ्ती को किसने दिया बड़ा झटका?

नेपाली अधिकारियों की माने तो पहाड़ की ऊंचाई के संबंध में दोनों पक्षों के बीच संवाद हुआ है। ऊंचाई को मापने के नेपाली सरकार के प्रयासों ने कुछ वैज्ञानिकों के अनुमानों के बीच कहा था कि 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत सिकुड़ गया है। यह पहली बार था जब नेपाल ने खुद ही उसकी ऊंचाई को मापा था।

साल 1954 में भारत द्वारा मापी गई ऊंचाई को ही नेपाल ने 8,848 मीटर की मान्यता दी थी। 1975 में चीनी सर्वेक्षणकर्ताओं ने माउंट कोमोलांगमा को समुद्र तल से 8,848.13 मीटर की ऊंचाई पर मापा, जिसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा मान्यता दी गई थी।

इस सर्वेक्षण में चीनी टीम ने मानव इतिहास में पहली बार, शिखर के ऊपर एक सर्वेक्षण माकर्र खड़ा किया, जिससे पर्वत के आधार से छह सर्वेक्षण बिंदुओं को एक साथ चोटी की ऊंचाई को मापने में मदद मिली। 2005 के सर्वेक्षण ने शिखर की चट्टान की ऊंचाई 8,844.43 मीटर और इसकी बर्फ- बर्फ की परत 3.5 मीटर गहरी दर्ज की।

1999 में यूएस नेशनल जियोग्राफिक सोसाइटी और बोस्टन के म्यूजियम ऑफ साइंस ने बर्फ सहित 8,850 मीटर की ऊंचाई की चोटी को मापा। इस खुलासे का पूरे विश्व को इंतजार है की दुनिया की सबसे उंची चोटी माऊंट एवरेस्ट की वास्तविक ऊंचाई अब कितनी है।

ये भी पढ़े: उत्तर में राम तो दक्षिण में मुरुगन, भगवान भरोसे भाजपा

ये भी पढ़े: 26/11 वो दिन जिसको यादकर आज भी थम जाती हैं सांसे

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com