जुबिली स्पेशल डेस्क
हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए आज वोट पड़ रहे हैं। पिछले काफी समय से वहां पर कांग्रेस और बीजेपी के जोरदार घमासान देखने को मिल रहा है लेकिन अब जनता तय करेगी किसकी सरकार वहां पर बनेगी।
बीजेपी को भरोसा है कि फिर से उसकी सरकार बनने जा रही है जबकि कांग्रेस को लगता है कि इस बार वो हरियाणा में बड़ी जीत दर्ज करने जा रही है।
हालांकि दोनों दलों भले ही एक दूसरे के खिलाफ लड़ रहो लेकिन उन्हें अपनी पार्टी के अंदर भी कई नेताओं से जूझना पड़ रहा है। सिरसा की सांसद और राज्य की प्रमुख दलित नेता कुमारी शैलजा टिकट बंटवारे में उनसे राय नहीं लिये जाने पर वो पार्टी से बेहद खफा नजर आईं है और चुनाव प्रचार में ज्यादा नजर नहीं आई।
हालांकि कांग्रेस के बड़े नेताओं के कहने पर कुछ रैलियों में नजर आईं।राज्य में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उनके सांसद बेटे दिपेंद्र सिंह हुड्डा ने पूरे प्रदेश में घूम-घूम कर प्रचार किया।
बीजेपी भी कुमारी शैलजा की नाराजगी का फैयदा उठाते हुए उसने कांग्रेस को दलित विरोधी ठहराने की कोशिश की।वहीं जजपा की ओर से दुष्यंत चौटाला और इनेलो की ओर से अभय सिंह चौटाला ने अपनी पूरी ताकत लगा दी।
कांग्रेस ने राजस्थान की तरह यहां पर भी सात गारंटी देने का वादा किया है लेकिन देखना होगा कि जनता को ये पसंद आता है या नहीं।
हरियाणा में 2019 में हुए विधानसभा चुनाव में
- बीजेपी ने 40
- कांग्रेस ने 31
- जजपा ने 10
- इनेलो ने एक
- एचएलपी ने एक
- निर्दलीय उम्मीदवारों ने सात सीटों पर कब्जा जमाया था
उनमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी, जाति आधारित सर्वेक्षण और सत्ता में आने पर महिलाओं को दो हजार रुपये प्रतिमाह देने का वादा शामिल है। वहीं बीजेपी ने कांग्रेस को रोकने के लिए महिलाओं के लिए 21 सौ रुपये की मासिक सहायता, युवाओं के लिए दो लाख सरकारी नौकरियां और राज्य के अग्निवीरों के लिए सरकारी नौकरी की गारंटी का वादा कर डाला है।