जुबिली न्यूज डेस्क
भारत में कोरोना के बढ़ते मामलों की रफ्तार पर अंकुश लगता नहीं दिख रहा है। वहीं विशेषज्ञ यह भी आशंका जता रहे हैं कि आने वाले महीने में कोरोना के मामलों में और बढ़ोत्तरी होगी।
कोरोना से बचाव के तमाम उपायों के बीच अब तक सभी को यही समझ में आ रहा है कि वैक्सीन के बिना कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाना असंभव है। इसलिए पूरी दुनिया वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार कर रही है।
भारत सरकार भी कोरोना की वैक्सीनेशन (टीकाकरण) को लेकर पूरी तैयारी में दिख रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक देश में कोरोना वैक्सीन आने के बाद सबसे पहले किन-किन लोगों को वैक्सीन दिया जाएगा, सरकार इसकी पूरी तैयारी कर चुकी है।
पहले फेज में सरकार देश में तीन करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन देगी। ये कौन लोग होंगे सरकार इसका खाका तैयार कर चुकी है।
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अधिकारियों के अनुसार, वैक्सीन उपलब्ध हो जाने पर सबसे पहले कोरोना से जंग लडऩे वाले फ्रंटलाइन वर्कर्स मसलन डॉक्टर्स, हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट, पुलिस और सैनिटेशन कर्मचारियों को दिया जाएगा।
मंगलवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि कोरोना वैक्सीन पाने वाले 30 मिलियन (3 करोड़) में 7 मिलियन डॉक्टर और पैरामेडिक्स शामिल हैं और 20 मिलियन अन्य फ्रंटलाइन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को टीका दिया जाएगा।
भूषण ने कहा कि देश के पास पहले से ही 30 मिलियन आबादी का टीकाकरण करने के लिए बुनियादी ढांचा तैयार। हमारे पास कोल्ड चेन, शीशियां, सीरिंज और सब कुछ है।
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देश में अभी कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध नहीं है और ऐसी संभावना जताई जा रही है कि अगले साल के शुरुआत में वैक्सीन देश में उपलब्ध हो सकती है। यही वजह है कि जनवरी और जून 2021 के बीच टीकाकरण का पहला चरण अस्थायी रूप से निर्धारित किया गया है।
हालांकि कुछ निजी अस्पतालों ने भी दावा किया कि उनके पास कोरोना वैक्सीन की बड़ी खुराक को स्टोर करने और रख-रखाव करने के लिए बुनियादी ढांचा है। इस पर स्वास्थ्य सचिव भूषण ने कहा कि सरकार निजी संस्थाओं के साथ भी तालमेल बिठा रही है।
उन्होंने कहा कि हमारे पास स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के भीतर एक मौजूदा इन्वेंट्री भी है, जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी नहीं है। इसलिए हम अपनी इन्वेंट्री का उपयोग करेंगे।
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