जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चुनाव अब खत्म हो गया है और योगी सरकार दोबारा सत्ता में लौट रही है। उत्तर प्रदेश में एक बार फिर साइकिल कोई खास कमाल नहीं कर सकी और यूपी की जनता ने एक बार फिर योगी पर भरोसा जताया है।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 37 साल बाद भारतीय जनता पार्टी को यूपी की सत्ता पर लगातार दूसरी बार काबिज करने का इतिहास बना दिया है।
37 साल पहले कांग्रेस ने बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की थी। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्धारित पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करते हुए फिर से भाजपा की सत्ता में वापसी करते हुए पार्टी को ऐतिहासिक तोहफा दिया है।
अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यूपी में भाजपा के ऐसे पहले नेता हो गए हैं जो लगातार दूसरी बार सीएम बनेंगे। वहीं उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात कर अपना इस्तीफा सौंप दिया। जानकारी मिल रही है कि 15 मार्च को योगी फिर से शपथ लेंगे।
ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि योगी के नए मंत्रिमंडल पर किन-किन चेहरों को जगह मिल सकती है। मीडिया रिपोट्र्स की माने तो योगी आज दिल्ली के लिए रवाना हो सकते हैं और यही से नए मंत्रिमंडल पर मुहर लगेगी।
स्वतंत्र देव को नया उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है
स्वतंत्र देव, असीम, बेबीरानी, राजेश्वर को लेकर बड़ी जानकारी सामने आ रही है कि ये लोग योगी सरकार में मंत्री बनाये जा सकते हैं। स्वतंत्र देव सिंह और उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य यूपी का नया उप मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
कन्नौज से नवनिर्वाचित सांसद और पूर्व एडीजी असीम अरुण, आगरा ग्रामीण से नवनिर्वाचित विधायक और उत्तराखंड की पूर्व राज्यपाल बेबीरानी मौर्य, प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व संयुक्त निदेशक और सरोजनी नगर से नवनिर्वाचित विधायक राजेश्वर सिंह जैसे नये चेहरों को योगी अपने कुनबे में शामिल कर सकते हैं। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी अरविंद कुमार शर्मा को योगी अपने मंत्रिमंडल में मौका दिया जा सकता है।
इसके आलावा रायबरेली सीट से बीजेपी को जीत दिलाने वाली अदिति सिंह को मंत्री बनाया जा सकता है। हाथरस सीट से पहली बार विधायक बनी अंजुला सिंह माहौर को मंत्री बनने का मौका मिल सकता है। कुशीनगर की फाजिलनगर सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य को मात देने वाले सुरेंद्र कुमार कुशवाहा को मंत्री बनाकर इनाम दिया जा सकता है। दलित नेताओं में शुमार त्रिभुवन राम को मंत्री बनाने पर विचार किया जा सकता है।