पॉलिटिकल डेस्क।
केंद्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार का गठन होने के साथ ही मंत्रीमंण्डल का भी गठन हो गया और आज केंद्रीय मंत्री मंडल की पहली बैठक भी हुई।
मोदी मंत्री मंडल के हुए गठन में कई ऐसे नाम मंत्री मण्डल में शामिल हो चुके है, उत्तर प्रदेश से भी कई सासंदों को मंत्री मंडल में मत्री पद की शपथ दिलायी जा चुकी है।
उत्तर प्रदेश की चंदौली लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. महेन्द्रनाथ पाण्डेय को मोदी कैबिनेट मंत्री मण्डल में शामिल कर लिए जाने के बाद प्रदेश अध्यक्ष पद की चर्चाएं तेज हो गई। भाजपा के एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत की वजह से यूपी की कमान के लिए सबसे चर्चा में विद्यासागर सोनकर, अशोक कटारिया, शिव प्रताप शुक्ला, मनोज सिन्हा और लक्ष्मण आचार्य के नामों पर चर्चाएं तेजी से चल रही हैं।
विद्यासागर सोनकर
सन् 1985 में भाजपा के बूथ अध्यक्ष व 1989 में सभासद का चुनाव जीतकर राजनीति शुरू करने वाले विद्यासागर सोनकर सांसद बनने तक का सफर तय कर चुके हैं। सन् 1996 में सैदपुर क्षेत्र से लोकसभा चुनाव जीतकर सांसद बने सोनकर निरंतर पार्टी में सक्रिय रहे।
हालांकि 2009 के लोकसभा व 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। सोनकर पार्टी के प्रकोष्ठों में विभिन्न पदों के अलावा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं और वर्तमान में भाजपा प्रदेश महासचिव के पद पर हैं।
अशोक कटारिया
18 दिसंबर 1972 को बिजनौर उत्तर प्रदेश के हिमपुर पृथ्या गाँव में जन्में अशोक कटारिया 1990 मे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् से जुड़े और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शाखा के नियमित सदस्य रहे। 1993 में रूहेलखंड विश्वविद्यालय, बरेली से अर्थशास्त्र और समाजशास्त्र विषय में स्नातक किया। 2001 में भारतीय जनता युवा मोर्चा में प्रदेश मंत्री के बने। वर्तमान में उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रदेश महामंत्री और विधान परिषद के सदस्य हैं।
शिव प्रताप शुक्ला
गोरखपुर से 1989 में कांग्रेस के सुनील शात्री को हराकर पहली बार विधान सभा में पहुंचे। 1989, 1991, 1993 और 1996 में लगातार गोरखपुर से विधायक चुने गये और तीन बार प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रह चुके है। 1970 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से राजनैतिक कॅरियर की शुरुआत हुई। 1981 में भाजयुमो के क्षेत्रीय मंत्री बने। इमरजेंसी में मीसा के तहत गिरफ्तार हुये। करीब 19 महीने जेल में रहे। 2012 में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष बने और २०१४ के मोदी मंत्री मंडल में वित्त राज्य मंत्री रह चुके हैं।
मनोज सिन्हा
संचार और राज्य मंत्री रेलवे रह चुके मनोज सिन्हा, लोकसभा में तीन बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्य रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश में गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। उन्हें 1989 में भाजपा राष्ट्रीय परिषद के सदस्य के रूप में शामिल किया गया। उन्हें मई 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल मंत्रियों के सेट में रेल मंत्रालय के लिए राज्य मंत्री बनाया गया।
उन्हें 1996 और 1999 में लगातार कार्यकाल के लिए चुना गया और 2014 में फिर से उत्तर प्रदेश के गाजीपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीतकर लोकसभा में पहुंचे। उन्होंने 1998 और 2004 में उसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा और हार गए। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बीएचयू) वाराणसी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और एमटेक की डिग्री प्राप्त की है।
लक्ष्मण आचार्य
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ में लम्बे समय तक कार्य करने के बाद वर्तमान में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य के साथ भारतीय जनता पार्टी के काशी प्रान्त के अध्यक्ष के हैं और भारतीय जनता पार्टी के दलित चेहरे के रूप में अपना प्रतिनिधित्व करते हैं।