जुबिली न्यूज डेस्क
कर्नाटक में मुख्यमंत्री कौन होगा? इसे लेकर कांग्रेस मंथन कर रही है. पार्टी नेताओं की बेंगलुरु और दिल्ली में बैठकों का सिलसिला जारी है. दरअसल, कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि कर्नाटक के सीएम की दौड़ में शामिल सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार, दोनों ही पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं एवं विधानसभा चुनाव जीतने में अहम भूमिका निभाई है. ऐसे में पार्टी किसी को भी नाराज करने का जोखिम नहीं उठा सकती.
पदाधिकारियों के साथ चुनावी हार पर की चर्चा
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की हार के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सोमवार को बेंगलुरु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पदाधिकारियों से मुलाकात की और चुनाव परिणाम तथा भविष्य के लिए पार्टी को फिर से तैयार करने से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की. गत 13 मई को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद बोम्मई का भाजपा के वैचारिक मातृ संगठन के राज्य मुख्यालय ‘केशव कृपा’ का यह पहला दौरा था.
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कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार के संबंध में वरिष्ठ नेता तथागत रॉय ने सोमवार को कहा कि वफादारों के बजाय अन्य दलों से आए लोगों को तरजीह देने जैसी जो गलतियां 2021 के पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान की गईं, उन्हीं गलतियों को दोहराने से कर्नाटक में पार्टी की हार हुई है. उन्होंने कहा कि गलतियों को सुधारने का समय आ गया है. भाजपा की पश्चिम बंगाल इकाई के पूर्व अध्यक्ष और त्रिपुरा के पूर्व राज्यपाल रॉय ने सिलसिलेवार ट्वीट में याद किया कि 2021 में पूर्वी राज्य में चुनाव के दौरान इसी तरह की गलतियां कैसे की गईं.