जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. कोरोना की उत्पत्ति का राज़ पता करने के विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की टीम चीन के वुहान तक तो पहुँच गई लेकिन चीन की सरकार ने इस टीम को 14 दिन के लिए क्वारंटाइन कर दिया है. इस जाँच टीम में 15 सदस्य शामिल हैं लेकिन सिंगापुर के दो सदस्य कोरोना संक्रमित पाए जाने की वजह से सिर्फ 13 सदस्य ही चीन पहुंचे लेकिन सरकार ने उन्हें जांच की जगह क्वारंटाइन कर दिया.
इधर वुहान में कोरोना के नए मामले सामने आने के बाद पूरी दुनिया में डर की नयी लहर पैदा हो गई. कोरोना वुहान से ही शुरू होकर दुनिया भर में फ़ैल गए. लाखों की संख्या में लोगों की इससे मौत हुई और करोड़ों लोग संक्रमित हो गए. आश्चर्य की बात यह कि जिस चीन से कोरोना शुरू हुआ वहां सबसे पहले लोगों को कोरोना से निजात मिल गई जबकि बाकी दुनिया में त्राही-त्राही मच गई.
अमेरिका कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ और उसने कोरोना महामारी की वजह चीन को बताते हुए उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. चीन हालांकि इससे लगातार इनकार करता रहा लेकिन अंतत: WHO ने जांच टीम गठित की. यह टीम चीन के वुहान शहर तो पहुँच गई है लेकिन अब जांच 14 दिन बाद ही शुरू कर पायेगी.
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना को चीनी वायरस करार देते हुए चीन पर इस महामारी से जुड़े तथ्यों को छुपाने का आरोप लगाया था. अमेरिका ने WHO पर भी चीन की तरफदारी का इलज़ाम लगाया था. जब दुनिया के तमाम देशों की उँगलियाँ चीन की तरफ उठने लगीं तो जांच की बात तय की गई.
WHO ने बताया कि जाँच टीम वुहान पहुँच गई है. टीम को सिंगापुर से रवाना करने से पहले सभी सदस्यों की जांच की गई थी. इस जांच में दो सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए थे. बाकी के 13 सदस्यों को वुहान भेज दिया गया है. जांच टीम वुहान में क्वारंटाइन है. 14 दिन बाद टीम अपनी जांच शुरू करेगी.
यह भी पढ़ें : यात्री कृपया ध्यान दें, सफ़र के लिए फिर तैयार हो रही हैं ट्रेनें
यह भी पढ़ें : … तो क्या अमिताभ बच्चन ने ले लिया रिटायरमेंट
यह भी पढ़ें : आज भी तय करना मुश्किल है कि कैफ़ी हैं या कैफ़ी नहीं हैं
यह भी पढ़ें : डंके की चोट पर : इकाना से सीमान्त गांधी तक जारी है अटल सियासत
हालांकि वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक़ सिंगापुर में कोरोना संक्रमित बताकर रोके गए दोनों सदस्यों में कोरोना के लक्षण नहीं थे लेकिन चीन नहीं चाहता था कि वह जांच के लिए वुहान आयें इसलिए उन्हें जहाज़ में चढ़ने से रोक दिया गया.