न्यूज डेस्क
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ चुका है। पूरे देश में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के फैसले की सराहना हो रही है। सभी लोग इस फैसले का खुले दिल से स्वागत कर रहे हैं। दरअसल लोगों में इस बात की खुशी ज्यादा है कि कम से कम इस विवादित मुद्दे से लोगों को मुक्ति मिली।
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद ने बहुतों को तकलीफ दी है। 1992 में बाबरी मस्जिद ढ़हाये जाने के बाद हुए दंगे ने कइयों को ऐसा जख्म दिया है जिसकी टीस आज भी उनके जेहन में हैं। इसलिए लोग सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश हैं कि आखिरकार अब इस पर राजनीति नहीं होगी और अयोध्या के लोग अमनचैन से रहेंगे। सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आनी शुरु हो गई हैं। लोग अपनी भावनाएं जता रहे हैं।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजनेताओं ने भी अपने ट्विटर अकाउंट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती, केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत अनेक नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए लोगों से भाईचारा बनाए रखने के लिए कहा।
गौरतलब है कि 5 जजों की बेंच ने 16 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई पूरी की थी। संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, यह फैसला मील का पत्थर है। सभी को फैसला स्वीकार करना चाहिए। मैं लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करता है।
कोर्ट के फैसले के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत है, देश की एकता व सद्भाव बनाए रखने में सभी सहयोग करें, उत्तर प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सद्भाव का वातावरण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।’
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत है, देश की एकता व सद्भाव बनाए रखने में सभी सहयोग करें, उत्तर प्रदेश में शांति, सुरक्षा और सद्भाव का वातावरण बनाए रखने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 9, 2019
एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘किसी ने कुछ नहीं खोया है। शांति बनाए रखें। मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि भाईचारे की भावना खोनी नहीं चाहिए। यह किसी पार्टी विशेष की बात नहीं है।’
माननीय सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का हम सभी सम्मान करें, आदर करें और स्वागत करें। किसी की हार नहीं हुई है। हमारे देश ने सदैव दुनिया को शांति का संदेश दिया है। मैं सभी देश और प्रदेशवासियों से अपील करता हूँ कि आपस में एकता, प्रेम, सद्भाव और भाईचारा बनाए रखें। #AYODHYAVERDICT pic.twitter.com/Cuk7IE45Mf
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) November 9, 2019
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, सभी को फैसले का स्वागत करना चाहिए, सभी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आदर के साथ स्वीकार किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सर्वसम्मति से है।
वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए कहा, “सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट की बेंच के पांचों जजों ने एकमत से आज अपना निर्णय दिया। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। कई दशकों के विवाद पर आज सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया। वर्षों पुराना विवाद आज खत्म हुआ। मेरी सभी लोगों से अपील है कि शांति एवं सौहार्द बनाए रखें।
सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद SC की बेंच के पाँचों जजों ने एकमत से आज अपना निर्णय दिया। हम SC के फ़ैसले का स्वागत करते हैं। कई दशकों के विवाद पर आज SC ने निर्णय दिया। वर्षों पुराना विवाद आज ख़त्म हुआ। मेरी सभी लोगों से अपील है कि शांति एवं सौहार्द बनाए रखें
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) November 9, 2019
कोर्ट के फैसले पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने प्रतिक्रिया देते हुए सभी को फैसले का सम्मान और शांति व भाईचारा बनाए रखने को कहा।
वहीं कवि कुमार विश्वास ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर कई चौपाई लिखकर प्रतिक्रिया दी।
https://twitter.com/DrKumarVishwas/status/1193028582613798912
https://twitter.com/DrKumarVishwas/status/1193041439959072768
https://twitter.com/DrKumarVishwas/status/1193042587000569856
कोर्ट के फैसले के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, “अयोध्या मामले पर फैसला आ चुका है। एक बार फिर आपसे अपील करता हूं कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले का हम सभी मिलजुलकर सम्मान व आदर करें। किसी प्रकार के उत्साह ,जश्न व विरोध का हिस्सा ना बन। अफवाहों से सावधान व सजग रहें। किसी भी प्रकार के बहकावे में ना आवें। आपसी भाईचारा, संयम, अमन-चैन, शांति, सद्भाव व सौहार्द बनाए रखने में पूर्ण सहयोग प्रदान करें। सरकार प्रदेश के हर नागरिक के साथ खड़ी है। कानून व्यवस्था व अमन-चैन से खिलवाड़ करने वाले किसी भी तत्व को बख्शा नहीं जायेगा। पूरे प्रदेश में पुलिस प्रशासन को ऐसे तत्वों पर सख्ती से कार्यवाही के निर्देश पूर्व से ही दिए जा चुके हैं। यह प्रदेश हमारा है, हम सभी का है, कुछ भी हो, हमारा प्रेम, हमारी मोहब्बत, हमारा भाईचारा, हमारा आपसी सोहार्द खराब ना हो, यह हम सभी की जिम्मेदारी है। आज आवश्यकता है अमन व मोहब्बत के पैगाम को सभी तक फैलाएं , नफरत व वैमनस्य को परास्त करें।”
बीजेपी की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने ट्वीट में लिखा, ”माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस दिव्य फैसले का स्वागत। माननीय अशोक सिंघल जी को स्मरण करते हुए उनको शत-शत नमन। वह सब, जिन्होंने इस कार्य के लिए अपने जीवन की आहुति दे दी उन्हें श्रद्धांजलि एवं आडवाणी जी का अभिनंदन जिनके नेतृत्व में हम सब लोगों ने इस महान कार्य के लिए अपना सर्वस्व दांव पर लगा दिया था।”
1. माननीय सुप्रीम कोर्ट के इस दिव्य फ़ैसले का स्वागत। माननीय अशोक सिंघल जी को स्मरण करते हुए उनको शत्-शत् नमन। वह सब, जिन्होंने इस कार्य के लिए अपने जीवन की आहुति दे दी उन्हें श्रद्धांजलि एवं …
— Uma Bharti (@umasribharti) November 9, 2019
हिन्दू महासभा के वकील वरुण कुमार सिन्हा ने कहा, अयोध्या पर यह ऐतिहासिक फैसला है। इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट ने विविधता में एकता का संदेश दिया है। यह हिन्दुओं के लिए जश्न का दिन है। ट्रस्ट बनेगा। मुस्लिमों को वैकल्पिक जमीन मिलेगी।
वरिष्ठ आरएसएस नेता एमजी वैद्य ने कहा, जमीन अब विवादित नहीं रही। अब राम मंदिर बनेगा। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिमों को मस्जिद बनवाने के लिए जमीन देने का ओदश दिया है। जो लोग संतुष्ट नहीं हैं वे फैसले को चुनौती दे सकते हैं।
मुस्लिम पक्ष दिखे असंतुष्ट
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर मुस्लिम पक्ष के वकीलों ने कहा, हम फैसले से संतुष्ट नहीं हैं। कुछ गलत तथ्य पेश किए गए हम उनकी जांच करेंगे। उच्चतम न्यायालय का फैसला है हम उसका सम्मान करते हैं। पूरे देश को शांति बनाए रखनी चाहिए।
मुस्लिम पक्ष के एक वकील ने कहा, फैसला हमें बाबरी मस्जिद नहीं देता, जो हमारे हिसाब से गलत है। मुस्लिम पक्ष के दूसरे वकील ने कहा, हमारे लिए पांच एकड़ जमीन के कोई मायने नहीं हैं। हम फैसले से जरा भी संतुष्ट नहीं हैं। हम नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील करते हैं।
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