जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। मुम्बई और बिहार में इन दिनों रिया और कंगना के नाम पर राजनीति भी खूब भी देखने को मिल रही है। बिहार में चुनाव होना है इस वजह से सुशांत का मामला लगातार सुर्खियों में है। इतना ही नहीं रिया को जेल भी जाना पड़ा है। रिया के बाद कंगना रनौत का मामला सुर्खियों में है।
मामला इतना ज्यादा आगे बढ़ गया है कि न कंगना चुप होने का नाम नहीं ले रही है और न महाराष्ट्र सरकार। कंगना मामले में पूरे देश में तरह-तरह की प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। बनारस में एक शख्स ने एक ऐसा पोस्टर लगाया जिसको देखकर महाभारत के अशोभनीय दृश्य की याद ताजा हो गई है।
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हालांकि अंतर केवल इतना है उस महाभारत में द्रौपदी का चीरहरन दिखाया गया था लेकिन इस पोस्टर में द्रौपदी की जगह कंगना रनौत, श्री कृष्ण की जगह पीएम मोदी और दुशासन की जगह उद्धव ठाकरे को दिखाया गया है। पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में इस पोस्टर के लगने से राजनीतिक गलियारे में चर्चाओं का बाजार का गर्म है। इस पोस्टर को किसी और ने नहीं बल्कि बीजेपी से जुड़े वाराणसी के एक स्थानीय वकील श्रीपति मिश्रा द्वारा लगाए गए हैं।
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पोस्टरों के मामले वकील मिश्रा ने अपनी सफाई दी है और कहा है कि शिवसेना के साथ कंगना के झगड़े के मामले में, महाराष्ट्र सरकार कौरव सेना की तरह काम कर रही है। उन्होंने कहा कि कंगना ने अपने आप को जोखिम में डालकर हर महिला की आवाज बुलंद की है।
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शिवसेना की सरकार ने कंगना के दफ्तर को तोड़ दिया। ऐसी कार्यवाही किसी महिला के विरुद्ध द्वेषपूर्ण हैं। हम सभी का कंगना के साथ हैं। उन्होंने आगे कहा कि केवल पीएम मोदी ही इस देश में महिलाओं की गरिमा की रक्षा कर सकते हैं। पूरे मामले पर चुप रहने के लिए उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भी निशाना साधा।
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कंगना मामले में राजनीति भी तेज हो गई है। बता दें कि बालीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत के पक्ष में अब अयोध्या के संत भी आ गए हैं। संतों ने कहा कि मुम्बई में कंगना का ऑफिस गिराया जाना बदले की कार्रवाई है। अगर कंगना का ऑफिस अवैध था तो फिर मातोश्री भी तोड़ा जाना चाहिए क्योंकि मानकों के हिसाब से तो वह भी नहीं बना है। साधू-संतों ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तस्वीर जलाकर अपना विरोध जताया।