- विकास दुबे पर हैं 60 एफआईआर
- राजनाथ सरकार में मंत्री की थाने में घुसकर की थी हत्या
- सभी राजनीतिक दलों में है पकड़
जुबिली न्यूज डेस्क
शातिर अपराधी विकास दुबे ने एक बार फिर यूपी को हिलाकर रख दिया। इस बार उसके निशाने पुलिस रही। विकास को पकड़ने गई यूपी पुलिस पर ताबड़तोड़ गोलियां चलायी गई। इस घटना में सीओ बिल्हौर देवेंद्र मिश्र, एसओ शिवराजपुर महेश यादव समेत एक सब इंस्पेक्टर और 5 सिपाही मुठभेड़ में शहीद हुए।
अब तक पुलिस हुए हमलों में यह सबसे बड़ी घटना बताई जा रही है। जिस विकास दुबे की शह पर इस घटना को अंजाम दिया गया है उसका आपराधिक इतिहास बहुत पुराना है। उसके खिलाफ कई गंभीर मामले दर्ज हैं।
विकास अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर है तो इसका कारण है कि राजनीतिक दलों में उसकी पैठ। दुबे का कई राजनीतिक दलों में अच्छी पैठ है। सरकारें बदलती गई लेकिन उसका रसूख कम नहीं हुआ।
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विकास बिठूर के शिवली थाना क्षेत्र के बिकरु गांव का रहने वाला है। उसने अपने घर को किले की तरह बना रखा है। यहां उसकी मर्जी के बिना घुस पाना बहुत ही मुश्किल है।
थाने में घुसकर की थी मंत्री की हत्या
विकास की दबंगई का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसने 2001 में थाने में घुसकर बीजेपी के दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री संतोष शुक्ला की हत्या कर दी थी। इस हत्या से पूरा प्रदेश दहल गया था। थाने में घुसकर हत्या लेकिन पुलिस उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाई।
बताया जाता है कि इतनी बड़ी वारदात होने के बाद भी किसी पुलिसवाले ने विकास के खिलाफ गवाही नहीं दी। कोई साक्ष्य कोर्ट में नहीं दिया गया, जिसके बाद उसे छोड़ दिया गया।
चचेरे भाई की हत्या समेत कई में आया नाम
2000 में कानपुर के शिवली थानाक्षेत्र स्थित ताराचंद इंटर कॉलेज के सहायक प्रबंधक सिद्धेश्वर पांडेय की हत्या के मामले में भी विकास दुबे को नामजद किया गया था। इसी साल उसके ऊपर रामबाबू यादव की हत्या के मामले में साजिश रचने का आरोप लगा था।
यह साजिश उसने जेल से बैठकर रची थी। 2004 में एक केबल व्यवसाई दिनेश दुबे की हत्या के मामले में भी विकास का नाम आया था। 2013 में भी विकास दुबे ने हत्या की एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया था।
2018 में विकास दुबे ने अपने चचेरे भाई अनुराग पर भी जानलेवा हमला करवाया था। अनुराग की पत्नी ने विकास समेत चार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी।
राजनीतिक दलों में पैठ
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे की सभी राजनीतिक दलों पर पकड़ रही है। 2002 में बीएसपी की मायावती सरकार के दौरान उसकी तूती बोलती थी। उसके ऊपर जमीनों की अवैध खरीद फरोख्त का आरोप है। उसने गैर कानूनी तरीके से करोड़ों रुपये की संपत्तियां बनाई हैं। बिठूर में ही उसके स्कूल और कॉलेज हैं। वह एक लॉ कॉलेज का भी मालिक है।
जेल से जीता था चुनाव
विकास दुबे जेल में रहने के दौरान ही चुनाव लड़ा था और शिवराजपुर से नगर पंचयात का चुनाव जीता भी था। बताया जा रहा है कि बीएसपी के कार्यकाल में उसकी बीएसपी में कड़ी पैठ थी। जेल से ही वह हत्याएं समेत कई वारदातों को अंजाम दिलवा देता था।
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