Saturday - 29 March 2025 - 3:53 AM

कौन हैं तुहिन कांत पांडे जो अब संभालेंगे सेबी की कमान

जुबिली न्यूज डेस्क 

बाज़ार नियामक सिक्योरिटीज़ एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया यानी सेबी की अध्यक माधबी पुरी बुच की तीन साल का कार्यकाल शुक्रवार यानी 28 फ़रवरी को ख़त्म हो रहा है. वहीं अब बुच की जगह ओडिशा काडर के आईएएस अधिकारी तुहिन कांत पांडे लेंगे. केंद्र सरकार ने वित्त सचिव तुहिन कांत पांडे को सेबी का ग्यारहवां चेयरमैन नियुक्त किया है.

गुरुवार देर शाम जारी किए गए सरकारी आदेश के अनुसार, केंद्रीय कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने वित्त सचिव और राजस्व विभाग के सचिव को सेबी का चेयरमैन बनाए जाने पर मंज़ूरी दे दी है.आदेश के अनुसार तुहिन कांत पांडे की शुरुआती नियुक्ति तीन साल के लिए हुई है.

पांडे ऐसे समय में सेबी चीफ़ का पद संभालेंगे जब विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफ़आईआई) की निकासी के बाद बाज़ार में मंदी का दबाव देखने को मिल रहा है. जनवरी से अब तक विदेशी पोर्टफ़ोलियो निवेशकों (एफ़पीआई) ने एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की निकासी की है. बता दे कि 1987 बैच के आईएएस ऑफ़िसर तुहिन वित्त मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ अधिकारी हैं और वह राजस्व विभाग का कामकाज संभालते हैं.

कौन है तुहिन कांत पांडे

तुहिन कांत पांडे डिपार्टमेंट ऑफ़ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (डीआईपीएएम) में सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले सचिव थे. डीआईपीएएम वित्त मंत्रालय का एक विभाग है जो सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों और डिपार्टमेंट ऑफ़ पब्लिक एंटरप्राइज़ेज़ (डीपीई) में सरकारी इक्विटी का प्रबंधन करता है.

तुहिन कांत पांडे ने संजय मल्होत्रा के आरबीआई गवर्नर नियुक्त हो जाने के बाद 9 जनवरी को राजस्व विभाग का ज़िम्मा संभाला था.पांडे ने 2025-26 के केंद्रीय बजट को बनाने में अहम भूमिक निभाई, जिसके ज़रिए सरकार ने मध्यम वर्ग को टैक्स में बड़ी राहत दी. पांडे नए आयकर बिल को तैयार करने में भी शामिल थे, जो अब 64 साल पुराने इनकम टैक्स एक्ट, 1961 की जगह लेगा.

डीआईपीएएम में अपने पांच साल से अधिक के कार्यकाल में, तुहिन ने सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (पीएसई) नीति को लागू करते हुए सीपीएसई के विनिवेश को आगे बढ़ाया. इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था के सभी सेक्टर्स के पीएसई में सरकार की मौजूदगी को कम करना था. वह 24 अक्तूबर 2019 से लेकर 8 जनवरी 2025 तक इस पद पर रहे.

एयर इंडिया के निजीकरण में भी अहम भूमिका

तुहिन एयर इंडिया के निजीकरण में भी अहम भूमिका में थे. आठ अक्तूबर 2021 को सरकार ने टाटा समूह को एयर इंडिया की नीलामी के लिए लगी बोली का विजेता घोषित किया था. टाटा ग्रुप ने एयर इंडिया के लिए 18 हज़ार करोड़ रुपये की बोली लगाई थी. 27 जनवरी, 2022 को टाटा ग्रुप को एयर इंडिया का मालिकाना हक मिला था.पांडे ने आईडीबीआई बैंक के निजीकरण की योजना की भी देखरेख की थी. फिलहाल इस बैंक के निजीकरण की प्रक्रिया चल रही है.

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तुहिन कांत पांडे का एजुकेशन

तुहिन कांत पांडे ने चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में एमए किया. इसके बाद उन्होंने यूनाइटेड किंगडम के यूनिवर्सिटी ऑफ़ बर्मिंघम से एमबीए किया.उन्होंने ओडिशा सरकार और भारत सरकार में अलग-अलग ज़िम्मेदारियां संभाली. अपने करियर के शुरुआती दौर में तुहिन कांत पांडे ने स्वास्थ्य विभाग, कमर्शियल टैक्सेज़, ट्रांसपोर्ट और फाइनेंस समेत कई प्रशासकीय विभागों में काम किया.

उन्होंने ओडिशा स्टेट फाइनेंस कॉर्पोरेशन के कार्यकारी निदेशक और ओडिशा लघु उद्योग कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक भी रह चुके हैं. केंद्र में रहते रहते हुए तुहिन कांत पांडे अब नीति आयोग बन चुके योजना आयोग के संयुक्त सचिव, कैबिनेट सचिवालय के संयुक्त सचिव और वाणिज्य मंत्रालय में डिप्टी सचिव के तौर पर अपनी सेवाएं दे चुके हैं.

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