जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस एक बार फिर सुर्खियों में है। हालांकि इस बार वो अपनी नाकामी नहीं बल्कि कर्नाटक में शानदार जीत के लिए चर्चा में है।
कर्नाटक में चुनावी नतीजे आ चुके हैं। बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया गया है। कांग्रेस वहां पर अपनी सरकार बनाने जा रही है। कांग्रेस 136 सीट जीतकर अपना परचम बुलंद किया है जबकि बीजेपी सिर्फ 64 सीट पर सिमट गई। वहीं जेडीएस का भी बुरा हाल रहा है।
अब बड़ा सवाल है कि कांग्रेस से किसको सीएम बनाया जाये।कांग्रेस की जीत के कई नायक बताये जा रहे हैं। कोई जीत का पूरा श्रेय डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया को दे रहा है लेकिन पर्दे के पीछे एक शख्स ने कांग्रेस को यहां तक पहुंचाया है। इतना ही नहीं इस जीत के बाद कांग्रेस की साउथ में फिर से वापसी हो गई है।
कुछ लोग कांग्रेस के प्रचार अभियान और मेनिफेस्टो को जीत का असली कारण मान रहे हैं लेकिन कांग्रेस की जीत के पीछे एक ऐसे शख्स का हाथ जिसने कांग्रेस के लिए एक ठोस चुनावी रणनीति बनाई थी। उसी चुनावी रणनीति ने कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाया वो प्रचंड बहुमत दिया है।
अब सवाल ये है कि आखिर उस शख्स का क्या नाम है जिसकी वजह से आज कांग्रेस फिर से जिंदा हो गई है। ये शख्स है कि सुनील कानुगोलू, जिसकी वजह से कांग्रेस के खेमे में फिर से जीत आई है।
आपकी जाकनारी के लिए बताना चाहेंगे कि सुनील कानुगोलु मशहूर रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ भी काफी लंबे समय तक काम कर चुके हैं। कांग्रेस की जीत के बाद चुनावी रणनीतिकार सुनील कानुगोलू को कांग्रेस का प्रशांत किशोर भी कहा जाता है।
कैसे हुए सुनील कानुगोलु की कांग्रेस में एंट्री
अब सवाल है कि सुनील कानुगोलु कैसे कांग्रेस के संपर्क में आए। इसके लिए आपको थोड़ा पीछे जाना होगा। प्रशांत किशोर 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस से 2022 से बात कर रहे थे और कहा जा रहा था कि वो कांग्रेस की चुनावी रणनीति तैयार करेंगे।
हालांकि प्रशांत किशोर ने जो प्रेजेंटेशन कांग्रेस के दिग्गजों को दिया था वो शायद कांग्रेस को रास नहीं आया और इसका नतीजा ये हुआ कि प्रशांत किशोर की कांग्रेस से नहीं बनी। इसके बाद प्रशांत किशोर ने अलग राह पकड़ ली। वहीं उनके आलावा एक और शख्स अपना प्रेजेंटेशन लेकर तैयार था और उन्होंने इसके लिए पहले से ही जमीन पर काम करना शुरू कर दिया था। वो शख्स कोई और नहीं बल्कि सुनील कानुगोलु थे।
कांग्रेस ने उनका प्रेजेंटेशन देखने से पहले कांग्रेस पार्टी ने सुनील के सामने यह शर्त रखी कि वह पार्टी के सलाहकार के तौर पर नहीं बल्कि स्थाई रूप से जुड़ेंगे। उन्होंने इस ऑफर को मान लिया और फिर उन्हें कर्नाटक और तेलंगाना की जिम्मेदारी दी गई। इस तरह से उनकी कांग्रेस में एंट्री हो गई।
सुनील के बारे में और जानकारी
40 साल के सुनील कर्नाटक के बेल्लारी जिले से खास कनेक्शन रखते हैं ।उनके पिता कन्नड़ और मां तेलुगु है। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई बेल्लारी में रहकर की है।
बाद में उनका परिवार चेन्नई चला गया है। इसके बाद चेन्नई में सुनील ने आगे की बढ़ाई पूरी की। यूएसए में मास्टर की दो डिग्री हासिल की। उन्होंने एमबीए भी किया और साल 2009 में यूएसए से भारत लौट आए। मीडिया की चकाचौंध से पूरी तरह से दूर रहते हैं और लो प्रोफाइल काम करना पसंद है।
माइंड शेयर एनालिटिक्स कंपनी खोली
प्रशांत किशोर से अलग होने के बाद सुनील ने इलेक्शन कैंपेनिंग के लिए अपनी कंपनी शुरू की जिसका नाम माइंड शेयर एनालिटिक्स रखा। इस तरह उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई।
सुनील ने पिछले 8 महीने में कर्नाटक में पांच सर्वे कराए
कांग्रेस से जुडऩे के बाद उन्होंने कांग्रेस के लिए सबसे पहले कर्नाटक में रोड मैप तैयार किया। बताया जाता है जनता का मूड जानने के लिए उन्होंने अपना एक सर्वे किया। इतना ही नहीं टिकटों के बंटवारे में उनका रोल रहा। उनकी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर टिकट दिया गया। सुनील भी प्रशांत किशोर की तरह ही इवेंट और मीडिया मैनेजमेंट में काफी आगे है। सुनील ने पिछले 8 महीने में कर्नाटक में पांच सर्वे कराए।
कुछ सीटों को छोड़ दे तो सभी सीटों के उम्मीदवारों का चयन सुनील की टीम के सर्वे के रिपोर्ट के आधार पर ही हुआ था। इसी सर्वे के आधार पर कांग्रेस ने 70 हॉट सीटें भी चुनी थी।
चुनाव कैंपेन के दौरान कांग्रेस के बड़े नेता जैसे राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मलिकार्जुन खरगे जो बीजेपी सरकार पर 40% कमीशन लेने का आरोप लगाते थे, यह दिमाग भी सुनील का ही था। चुनाव से पहले कांग्रेस का ‘PayCM’ कहा जाता है कि इसके पीछे भी सुनील का हाथ था और उन्होंने इस मुद्दे पर काम किया था और चुनाव में कांग्रेस ने उनकी रणनीति पर काम किया।