पॉलिटिकल डेस्क। भारतीय जनता पार्टी ने की यूपी इकाई ने पूर्व दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री आईपी सिंह को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में सोमवार को 6 साल के लिए निष्कासित कर दिया। भाजपा के प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर ने बताया कि सिंह को प्रदेश अध्यक्ष महेंद्रनाथ पाण्डेय के निर्देश पर पार्टी से निष्कासित किया गया है।
आईपी सिंह ने रविवार को आजमगढ से अखिलेश यादव के चुनाव लड़ने का समर्थन करते हुए अपने घर को चुनाव कार्यालय के रूप में प्रयोग करने की पेशकश की थी। जिसके बाद बीजेपी द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई की है। बता दें कि यह पहला मौका नहीं था जब आईपी सिंह ने बगावती तेवर दिखाए हों. आईपी सिंह लंबे समय से पीएम मोदी से लेकर बीजेपी के कई बड़े नेताओं के खिलाफ बयानबाजी करते आ रहे हैं।
उन्होंने सोमवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ ट्वीट करते हुए उन्हें प्रचारमंत्री बताया था। आईपी ने ट्वीट किया कि हमने ‘प्रधानमंत्री’ चुना था या ‘प्रचारमंत्री’? अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से देश का प्रधानमंत्री क्या टी-शर्ट और चाय का कप बेचते हुए अच्छा लगता है? भाजपा वो पार्टी रही है जिसने अपने विचारों से लोगों के दिलों में जगह बनाई। मिस कॉल देकर और टी-शर्ट पहन कर ‘कार्यकर्ताओं’ की खेती असंभव है।
सिंह ने एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का नाम लिए बगैर उन्हें ‘ठग’ बताया था। उन्होंने ट्वीट में लिखा था कि मैं उसूलदार क्षत्रिय कुल से हूं। 2 गुजराती ठग हिन्दी हृदयस्थल व हिन्दी भाषियों पर कब्जा करके 5 वर्ष से बेवकूफ बना रहे हैं।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री और लखनऊ से भाजपा प्रत्याशी राजनाथ सिंह को झूठा बताते हुए लिखा था कि आपने लखनऊ में कुछ विकास नहीं किया है। 5 किलोमीटर रिंग रोड बनी है और उसे नितिन गडकरीजी ने बनाया है। आपने अपने गांव जहां पैदा हुए और पले-बढ़े उसका भी विकास नहीं किया, उसे भूल गए। फिर यहां की जनता सब जानती है। दोनों रेलवे स्टेशन बदहाली में पड़े हैं और आप 100 बार इसको लेकर झूठ बोल चुके हैं।
आईपी सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट का नाम भी ‘उसूलदार IP Singh’ रखा हुआ है। पार्टी से निकाले जाने पर उन्होंने लिखा कि, अभी मीडिया के मित्रों से ख़बर मिली की भारतीय जनता पार्टी ने मुझे छः वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है। वही पार्टी जिसे मैंने अपने जीवन के तीन दशक दिए, एक धरतीपकड़ कार्यकर्ता की तरह जन सरोकार की राजनीति की, ढह चुके आंतरिक लोकतंत्र के बीच ‘सच बोलना’ जुर्म हो चुका है।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने सुनील बंसल पर निशाना साधा है, इस ट्वीट में लिखा है कि, मैं अटल जी के साथ पैदल चला, आडवाणी जी के साथ यात्रा में आगे खड़ा रहा, लक्ष्मीकांत जी के साथ पार्टी के लिए सैकड़ों बार अनशन पर बैठा, मेरा पूरा राजनीतिक जीवन संघर्ष से भरा रहा और यह संघर्ष आजीवन चलेगा।आज पार्टी को मुझ जैसे ‘कार्यकर्ता’ की नहीं सुनील बंसल जैसे ‘मैनेजर’ की ज़रूरत है।
आईपी सिंह के विषय में
आईपी सिंह बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे हैं। कल्याण सिंह की सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री के पद पर रहे। उन्होंने छात्र जीवन से ही राजनीति में पदार्पण कर दिया था और लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रसंघ चुनाव में महामंत्री भी रहे। इसके आलावा बीजेपी के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आईपी सिंह का विवादों से पुराना नाता रहा है। उन्होंने गत वर्ष केंद्रीय गृह मंत्रालय के खिलाफ फेसबुक पर कुछ लिख दिया था। आईपी सिंह ने बसपा से बागी होकर भाजपा में आये एक नेता को सुरक्षा मुहैया कराये जाने को लेकर फेसबुक पर सवाल उठाये थे।
आजम खान के खिलाफ भी दे चुके हैं विवादित बयान
चर्चित बुलंदशहर हाइवे गैंग रेप मामले में आजम खान के विवादित बयान के बाद बतौर बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता आईपी सिंह ने ट्वीट कर एक विवादित बयान दिया था। आईपी सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि मियां आजम खान की बेटी और बीवी से गैंगरेप हो जाये, तब आजम खान की आंख खुलेगी। बुलंदशहर हाइवे पर 12 साल की बेटी और मां के साथ गैंग रेप पर ओछी बात कही।